बीएसएनएल, एमटीएमएनएल विलय को मंत्रिमंडल की मंजूरी

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नई दिल्ली, 23 अक्टूबर (आईएएनएस)| केंद्र सरकार ने बदहाली का शिकार बन चुकी पीएसयू कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) और महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (एमटीएनएल) में नई जान फूंकने के लिए बुधवार को उनके विलय को हरी झंडी देते हुए उन्हें सॉवरेन बांड के माध्यम से 1,500 करोड़ रुपये जुटाने की अनुमति प्रदान की। साथ ही, सार्वजनिक क्षेत्र की इन कंपनियों को 2016 के मूल्य पर 4जी स्पेक्ट्रम का आवंटन किया जाएगा।

केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में बुधवार को इस संबंध में फैसला लिया गया।


मंत्रिमंडल के फैसले के अनुसार, बीएसएनएल और एमटीएनएल को 4जी सेवाओं के लिए स्पैक्ट्रम का प्रशासनिक आवंटन किया जाएगा ताकि पीएसयू कंपनी ब्रॉडबैंड और अन्य डाटा सेवाएं प्रदान करने में सक्षम हो सकें।

मंत्रिमंडल की बैठक की जानकारी देते हुए दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने यहां संवाददाताओं को बताया, “बीएसएनएल और एमटीएनएल सॉवरेन बांड से 15,000 करोड़ रुपये जुटाएंगी और दोनों पीएसयू कंपनियों की 38,000 करोड़ रुपये की परिसंपत्तियों से राजस्व जुटाया जाएगा। मंत्रिमंडल ने इनके कर्मचारियों के लिए आकर्षक वीआरएस पैकेज को भी मंजूरी प्रदान की है जो मूल रूप से गुजरात मॉडल से थोड़ा अलग है।”

गलाकाट प्रतिस्पर्धा और फ्री वॉयस में जियो के आने के साथ-साथ डाटा की कीमत सस्ती होने से भारत के दूरसंचार क्षेत्र में कई छोटी-छोटी दूरसंचार कंपनियों की दुकानें बंद हो गईं और मौजूदा दौर में सिर्फ जियो, एयरटेल के साथ-साथ विलय कर चुकीं वोडफोन और आइडिया रह गई हैं।


सरकार द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि उक्त स्पैक्ट्रम का वित्त पोषण भारत सरकार द्वारा इन पीएसयू में 20,140 करोड़ रुपये मूल्य की पूंजी डालकर किया जाएगा, इसके अलावा इस स्पैक्ट्रम मूल्य के लिए जीएसटी के तौर पर 3,674 करोड़ रुपये की राशि का वहन भी भारत सरकार द्वारा बजटीय संसाधनों के माध्यम से किया जाएगा।

इस स्पैक्ट्रम आवंटन का उपयोग करते हुए, बीएसएनएल और एमटीएनएल 4जी सेवाएं उपलब्ध कराने, बाजार में प्रतिस्पर्धा करने तथा अपने विशाल नेटवर्क का उपयोग करते हुए ग्रामीण क्षेत्रों सहित देश भर में हाई स्पीड डाटा उपलब्ध कराने में समर्थ हो सकेंगे।

 

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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