बिहार: न घर है न गाड़ी, बेरोज़गार हैं कन्हैया

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बिहार: न घर है न गाड़ी, बेरोज़गार हैं कन्हैया

बेगूसराय। दिल्ली के जेएनयू छात्रसंघ से राजनीति की पारी शुरू करने वाले कन्हैया कुमार के पास न कोई घर है और न ही कोई गाड़ी है। यही नहीं कन्हैया बेरोजगार हैं। हालांकि उन्हें अपनी लिखी पुस्तकों से कुछ कमाई हो जाती है।

लोकसभा चुनाव 2019 में बेगूसराय लोकसभा सीट से बतौर भाकपा उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में खम ठोंक रहे कन्हैया कुमार बेरोजगार हैं।


नामांकन का पर्चा भरने के दौरान दिए गए हलफनामे के अनुसार, कन्हैया के पास 24,000 रुपये नकद और बैंक में कुल 3,57,848 रुपये बचत है। उनके पास कोई कृषि योग्य भूमि नहीं है। कन्हैया एक अचल संपत्ति के मालिक हैं, जो बेगूसराय के बिहट में उनका पैतृक घर है। हालांकि इस घर में उनके परिवार के अन्य सदस्यों (भाई-बहन) की भी हिस्सेदारी है। हलफनामे में इस घर की कीमत दो लाख रुपये बताई गई है।

जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया ने हलफनामे में कहा है कि उनकी सालाना आय 8़ 5 लाख रुपये है। उनकी आय का मुख्य साधन उनकी लिखी पुस्तकें और विभिन्न संस्थानों में दिए गए व्याख्यान हैं।

हलफनामे के मुताबिक, कन्हैया पर धार्मिक सद्भाव बिगाड़ने, सरकारी काम में बाधा पहुंचाने, अनाधिकृत सभा करने और देशद्रोह से संबंधित पांच आपराधिक मामले दर्ज हैं, जो अभी लंबित हैं।


उल्लेखनीय है कि कन्हैया ने पिछले दिनों क्राउड फंडिंग के माध्यम से अब तक 70 लाख रुपये से ज्यादा की राशि जुटाई है।

बेगूसराय में कन्हैया का मुख्य मुकाबला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के उम्मीदवार भाजपा नेता गिरिराज सिंह से है। हालांकि राजद के तनवीर हसन इस मुकाबले को त्रिकोणात्मक बनाने का हरसंभव प्रयास कर रहे हैं।

नामांकन दाखिल करने के दौरान कन्हैया ने एक रोडशो किया था, जिसमें भारी संख्या में लोग मौजूद थे।

बिहार में सभी सात चरणों में मतदान होना है। बेगूसराय में चौथे चरण के तहत 29 अप्रैल को मतदान होना है। मतों की गिनती 23 मई को होगी।


स्वरा अपने जन्मदिन पर कन्हैया कुमार के प्रचार के लिए पहुंचीं

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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