बिहार : ‘कुर्मी चेतना महारैली’ की 25वीं वर्षगांठ पर 151 लोग सम्मानित

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बिहार : 'कुर्मी चेतना महारैली' की 25वीं वर्षगांठ पर 151 लोग सम्मानित

पटना | कुर्मी समाज में सामाजिक और राजनैतिक चेतना जगाने के लिए वर्ष 1994 में शुरू की गई ‘कुर्मी चेतना महारैली’ की 25वीं वर्षगांठ पर यहां मंगलवार को सम्मान समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें राज्य भर से आए बड़ी संख्या में कुर्मी समाज के लोगों ने शिरकत की।

इस मौके पर समाज के विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान करने वाले 151 लोगों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए आयोजन समिति के संयोजक अनिल कुमार ने कहा कि आज हम सब के लिए गौरव की बात है कि 12 फरवरी, 1994 को पटना के गांधी मैदान में शुरू हुई ऐतिहासिक कुर्मी चेतना महारैली की 25वीं सालगिरह पर एकजुट होने का अवसर मिला है।


उन्होंने पहली कुर्मी चेतना महारैली को समाज के लिए ‘मील का एक पत्थर’ बताते हुए कहा, “उसी चेतना का परिणाम है कि बिहार की राज्य सत्ता के शीर्ष पर पहुंचने का हमें अवसर प्राप्त हो सका। तब हमारी राजनीतिक भागीदारी मजबूत थी और विधायकों की संख्या 40 हुआ करती थी।”

उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में कुर्मी समाज की राजनीतिक भागीदारी में गिरावट आई है और आज विधानसभा में हमारे समाज से विधायकों की संख्या 10 से 12 के बीच सिमट गई है।

अनिल कुमार ने कहा, “बिहार की सत्ता के शीर्ष पर हमारे समाज से आने वाले नीतीश कुमार जरूर हैं, परंतु उन्होंने समाज के लिए कुछ खास नहीं किया, जिसका नतीजा यह हुआ कि लगातार समाज के लोगों की राजनीतिक भागीदारी कम होती चली गई। सामाजिक, राजनीतिक, व्यावसायिक और प्रशासनिक रूप से भी समाज पिछड़ गया।”


उन्होंने घोषणा करते हुए कहा कि समाज के उत्थान के लिए एक बार फिर से कुर्मी चेतना महारैली का आयोजन लोकसभा चुनाव के बाद गांधी मैदान में किया जाएगा, जिसमें संपूर्ण बिहार से कुर्मी समाज के लोग शामिल होकर अपनी एकजुटता का संदेश देंगे।

कार्यक्रम में मुख्य वक्ता डॉ. ओमकार कटियार ने कहा, “आज सरदार पटेल और डॉ भीमराव अंबेडकर के विचारों का देश बनाने की जरूरत है। उन्होंने पुलवामा के शहीदों को याद करते हुए कहा कि वर्तमान समय में देश बहुत संकट के दौर से गुजर रहा है। यह राजनीति से प्रेरित है।”

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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