बिहार में एनपीआर का कार्य 15 मई से : सुशील मोदी

  • Follow Newsd Hindi On  

पटना, 4 जनवरी (आईएएनएस)| उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने शनिवार को यहां कहा है कि राज्य में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) का कार्य एक वैधानिक कार्य है, और एनपीआर को अपडेट (अद्यतन) करने का काम 15 मई से 28 मई तक चलेगा। मोदी ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “यह जनगणना के प्रथम चरण मकान सूचीकरण व मकान गणना के साथ किया जाएगा। आज एनपीआर को ही अपडेट किया जा रहा है। कोई नया रजिस्टर तैयार नहीं किया जा रहा है। यह जनगणना का ही हिस्सा है। इसमें न कोई दस्तावेज देना है न प्रमाणपत्र। एनपीआर लागू करना राज्यों की बाध्यता है। एनपीआर का निर्माण वैधानिक कार्रवाई है, जिससे कोई राज्य इंकार नहीं कर सकता।”

उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह के नेतृत्व में संप्रग सरकार के दौरान ही एक अप्रैल, 2010 से 30 सितंबर, 2010 तक एनपीआर बनाने का निर्णय लिया गया था। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि “अगर कुछ प्रश्न जोड़े गए तो इसमें क्या गलत है। इसमें कई गलतियों को भी दूर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसमें भी सभी प्रश्नों के उत्तर देने की बाध्यता नहीं है।”


मोदी ने स्पष्ट कहा कि “नागरिकता संशोधन अधिनियम का मकसद पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को राहत देना है। पाकिस्तान में किस तरह धार्मिक अल्पसंख्यकों को प्रताड़ित किया जा रहा है, इसका हालिया उदाहरण ननकाना साहिब में जगजीत कौर का अपहरण और उसका धर्मातरण और फिर पाक मुस्लिमों द्वारा गुरुद्वारा साहिब पर हमला करना है।”

मोदी ने कहा, “पाकिस्तान में 1947 में 23 प्रतिशत हिंदू थे और आज 3़ 7 फीसदी से भी कम हो गए हैं। जबकि बांग्लादेश में 22 फीसदी से घटकर मात्र 7़ 8 फीसदी हिंदू रह गए हैं। इसी तरह अफगानिस्तान में 1992 में दो लाख हिंदू-सिख थे, अब 500 भी नहीं हैं।”

 


(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम पर फ़ॉलो और यूट्यूब पर सब्सक्राइब भी कर सकते हैं.)