पटना | बिहार के 13 जिलों में आई बाढ़ से अब तक 130 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि 88 लाख 46 हजार की आबादी प्रभावित हुई है। राज्य में बिहार की नदियों में जलस्तर अब घटने लगा है, परंतु अभी भी कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। इस बीच, बाढ़ से हुई क्षति का आकलन प्रारंभ कर दिया गया है। बिहार राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी ने बुधवार को बताया कि बिहार के 13 जिले शिवहर, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, मधुबनी, दरभंगा, सहरसा, सुपौल, किशनगंज, अररिया, पूर्णिया एवं कटिहार में अबतक 130 लोगों की मौत हुई है, जबकि 88़ 46 लाख आबादी प्रभावित हो चुकी है।
बिहार में बाढ़ से मरनेवाले 130 लोगों में सबसे अधिक सीतामढ़ी के 37, मधुबनी के 30 और दरभंगा के 14 लोग शामिल हैं।
बिहार: बाढ़ का कहर जारी, दरभंगा-समस्तीपुर रेलखंड पर ट्रेनों का परिचालन ठप
आपदा प्रबंधन विभाग के मंत्री लक्ष्मेश्वर राय ने बताया, “बिहार के बाढ़ प्रभावित जिलों में राहत शिविर चलाए जा रहे हैं। बाढ़ पीडितों के भोजन की व्यवस्था के लिए 442 सामुदायिक रसोई चलाई जा रही है। बाढ़ प्रभावित इलाके में राहत एवं बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की कुल 27 टीमें, 876 मानव बल को लगाया गया है तथा 133 मोटरबोट का इस्तेमाल किया जा रहा है।”
उन्होंने बताया, “बाढ से हुई क्षति का आकलन और मुआवजे के लिए राज्य सरकार बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में सर्वे करा रही है। बुधवार से सर्वेक्षण का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। फसलों की क्षति के अलावा ध्वस्त हुए मकान और पशुओं की मौत का भी ब्योरा जिलों से मांगा गया है। सर्वे के आधार पर ही क्षति का मुआवजा दिया जाएगा।”
इधर, पूर्व मध्य रेलवे के हायाघाट रेलवे स्टेशन के नजदीक बागमती नदी पर बने रेल पुल पर बाढ के पानी के दबाव के कारण दरभंगा-समस्तीपुर रेल खंड पर चौथे दिन भी ट्रेनों का परिचालन ठप है।
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पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क पदाधिकारी राजेश कुमार ने बुधवार को आईएएनएस को बताया, “समस्तीपुर-दरभंगा रेलखंड के हायाघाट और थलवाड़ा स्टेशनों के बीच पुल संख्या 16 पर बाढ़ का पानी खतरे के निशान से ऊपर आ जाने के कारण रविवार से इस रेलखंड पर ट्रेनों का परिचालन रोका गया है। बुधवार को भी इस रेलखंड से गुजरने वाली ट्रेनों को मार्ग परिवर्तन कर चलाया जा रहा है, जबकि कई ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं।”
इस बीच, जल संसाधन विभाग के मुताबिक राज्य की सभी प्रमुख नदियों के जलस्तर में गिरावट आई है, परंतु अभी भी बागमती नदी कटौंझा, बेनीबाद, हायाघाट में बूंढ़ी गंडक नदी रोसड़ा रेल पुल और समस्तीपुर रेल पुल के पास खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। इसके अलावा खिरोई और अधवारा समूह की नदियां भी कुछ स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।
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