बिहार : पुलिस परिवार के मुखिया की भूमिका निभा रहे डीजीपी

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पटना, 25 अप्रैल (आईएएनएस)। कोरोना से जंग में डॉक्टरों की भूमिका के बाद कोरोना वॉरियर्स के रूप में सबसे बड़ी भूमिका में पुलिसकर्मी सामने आए हैं। इस दौर में जब कोरोना संक्रमण से लोगों को बचाने के लिए सरकार और प्रशासन हर एहतियाती कदम उठा रही है, वहीं बिहार के पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय पुलिस महकमे में एक अभिभावक की भूिमका में लगातार पुलिसकर्मियों के हौसला अफजाई में लगे हुए हैं।

पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) पांडेय एक अभिभावक के तौर पर अपने पुलिसकर्मियों को फोनकर बात कर रहे हैं। इसमें विभाग के वरिष्ठ पदाधिकारी से लेकर पुलिस जवान और चौकीदार भी शामिल है। पुिलसकर्मी में डीजीपी के फोन आने के बाद उत्साह के साथ काम कर रहे हैं।


डीजीपी किसी भी पुलिसकर्मी को फोन कर उनका हाल चाल लेने लगते हैं, और घर परिवार सबके बारे में पूछते हैं, जिससे पुलिस का हौसला इस कोरोना संकट में काफी बढ़ा है। पुलिसकर्मियों को ऐसा महसूस होता है, जैसे उनके घर के किसी अभिभावक का फोन आया हो। डीजीपी के फोन आने के बाद कई पुलिसकर्मी भावुक भी हो जा रहे हैं।

डीजीपी ने इसी क्रम में बक्सर जिले के इटाढ़ी थाने में पदस्थापित पुलिस जवान (कांस्टेबल) राकेश कुमार को फोन लगाया और उसका व उसके घर का हालचाल पूछा। डीजीपी ने जब राकेश से उसके विवाह के बारे में बात की, तब वह भावुक हो गया और कहा, “सर, हमारे पिता नहीं हैं। पहले बहन की शादी करनी है, उसके बाद खुद के लिए सोचूंगा।”

इसके बाद डीजीपी ने राकेश को उसकी बहन की शादी में पूरी मदद करने का आश्वासन दिया।


डीजीपी पांडेय ने आईएएनएस को बताया, “पुलिस विभाग एक परिवार है। जब परिवार के छोटे सदस्य के पास अभिभावक का फोन आ जाता है तो वह भावुक हो ही जाता है।” उन्होंने कहा कि शायद ही कोई डीजीपी होंगे जो पुलिस जवान, चौकीदार को फोन करते होंगे। उन्होंने कहा कि “आखिर ये भी हमारे अंग हैं।”

पांडेय ने बेबाक कहा, “इस जज्बे को सलाम। छोटे अधिकारी से पुलिस के जवान कोरोना से जंग लड़ रहे हैं। मुझे जब भी मौका मिलता है, अपने परिवार के कर्मठ सदस्यों को फोन करता हूं। इससे उनमें काम करने की क्षमता बढ़ी है।”

उन्होंने कहा कि इससे एक अच्छा ‘मैसेज’ भी विभाग और समाज को जाता है।

डीजीपी इस दौरान पुलिसकर्मियों को यह कहना नहीं भूलते कि “खुद भी बचिए और दूसरे को भी बचाइए तथा कोई दिक्कत हो तो हमसे संपर्क कीजिए।”

पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय के इस अंदाज से राज्य के पुलिसकर्मियों का हौसला तो बढ़ा ही है, साथ ही उनके लिए डीजीपी का फोन आना उन्हें गौरवान्वित भी कर रहा है।

रोहतास जिला मुख्यालय सासाराम के मुख्य चौराहे पर महिला पुलिसकर्मी पूजा कुमारी एक मां का भी फर्ज निभा रही हैं। पूजा बिहार पुलिस की सिपाही हैं और प्रतिदिन इस कड़ी धूप में 11 माह के बच्चे को गोद में लिए ड्यूटी करती हैं। एक तरफ नौकरी की कर्तव्य परायणता तो दूसरी ओर मां की ममता, दोनों को वह बखूबी निभाती हैं।

पूजा की कर्तव्यपरायणता की जानकारी जब डीजीपी को हुई तो उन्होंने पूजा से फोन पर बात की, उसका उत्साह बढ़ाया और सुरक्षित रहने की नसीहत दी।

उल्लेखनीय है कि अररिया में पास मांगने पर जब जिला कृषि पदाधिकारी ने एक चौकीदार को उठक-बैठक कराई थी, तब भी डीजीपी ने चौकीदार को फोन कर उनसे बात की थी और इस घटना के लिए शर्मिदा होने की बात स्वीकार की थी।

बहरहाल, डीजीपी को अभिभावक के रूप में देखकर पुलिसकर्मियों का उत्साह बढ़ा है। पूजा कुमारी कहती हैं कि डीजीपी का फोन एक पुलिस जवान के पास आना बड़ी बात है। उन्होंने बताया, “मैं तो उनका नाम सुनकर ही आवाक रह गई थी।”

–आईएएनएस

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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