बिहार : पूर्णिया के क्वारंटाइन सेंटर में अनोखी पहल, दर्जी बनाएंगे मास्क!

  • Follow Newsd Hindi On  
झारखंड में अब तक कोरोना का एक भी मामला नहीं, निगरानी में विदेश से लौटे 450 यात्री

मनोज पाठक

पूर्णिया । बिहार में अलग-अलग राज्यों से अबतक पांच लाख प्रवासी मजदूर आ चुके हैं। विशेष ट्रेनों से ही साढ़े तीन लाख से अधिक मजदूर यहां पहुंच गए हैं। विभिन्न राज्यों से आने वाले लोगों को क्वारंटाइन सेंटर्स में रखा जा रहा है। कई केंद्रों से शिकायतें भी आ रही हैं, लेकिन इन सबके बीच बिहार के पूर्णिया जिला स्थित श्रीनगर प्रखंड के एक क्वारंटाइन सेंटर की खूब तारीफ हो रही है। यहां क्वारंटाइन किए गए टेलर अब मास्क बनाएंगे।


जिला मुख्यालय से लगभग 21 किलोमीटर दूर स्थित श्रीनगर प्रखंड मुख्यालय में जो क्वारंटाइन सेंटर चल रहा है, उस भवन में 2000 लोग रह सकते हैं। इस परिसर में सौर उर्जा का प्लांट भी है। हाल ही में इस सेंटर से क्वारंटाइन की अवधि को पूरा करने के बाद निकले एक व्यक्ति का वीडियो वायरल हुआ था जिसने सेंटर में मिलने वाली सुविधाओं का अनुभव वीडियो में साझा किया गया था।

पूर्णिया के जिलाधिकारी राहुल कुमार ने श्रीनगर के क्वारंटाइन सेंटर के बारे में आईएएनएस से कहा, “कैंप में रहने वाले व्यक्तियों के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। प्रवासी कामगारों की घर वापसी के लिए बनाए गए प्रबंधन प्रोटोकॉल का पूरा अनुपालन किया जा रहा है। उन्हें किट दिए जा रहे हैं। कैंपों में रहने वाले लोगों के लिए शौचालय, स्नानागार, शुद्ध पेयजल एवं महिलाओं के लिए अलग से शौचालय, स्नानागार एवं कमरा उपलब्ध करा दिया गया है।”

उन्होंने दावा करते हुए कहा, “कैंप में नाश्ता एवं भोजन, मध्याह्न् भोजन योजना (एमडीएम) के रसोइया द्वारा बनाया जा रहा है। साथ ही कैंप की निगरानी सीसीटीवी से की जा रही है। प्रखंड कैंपों में मनोरंजन के लिए टीवी की व्यवस्था की गई है। साथ ही उन्हें योगाभ्यास भी कराया जा रहा है।”


उन्होंने बताया कि पूर्णिया में कुल 376 क्वारंटाइन सेंटर हैं, जिसमें 26 हजार से ज्यादा लोग फिलहाल हैं। श्रीनगर प्रखंड के क्वारंटाइन सेंटर में 1031 प्रवासी रह रहे हैं।

श्रीनगर के प्रखंड विकास पदाधिकारी ओम प्रकाश और अंचलाधिकारी नंदन कुमार ने बताया कि अब तक क्वारंटाइन सेंटर से 46 लोगों को घर भेजा जा चुका है। इन सभी को मेडिकल प्रमाण पत्र के साथ घर भेजा जा रहा है।

श्रीनगर के क्वारंटाइन सेंटर में वैसे तो कई प्रवासी रह रहे हैं, लेकिन उनमें से 70 लोग टेलर मास्टर (दर्जी) हैं। इन सभी को चिन्हित किया गया है और इन हुनरमंद लोगों से मास्क बनाने के लिए कहा गया है। इसके लिए पहल भी शुरू कर दी गई है।

जिलाधिकारी ने कहा, “ये सभी क्वारंटाइन अवधि को पूरा करने के बाद कुछ दिनों तक घर में मास्क बनाएंगे, जिन्हें प्रशासन मदद देगी। इस सेंटर पर लोगों में निराशा दूर करने के लिए योगाभ्यास भी करवाया जा रहा है।”

पूर्णिया के जिलाधिकारी राहुल कुमार ने कहा है कि जिला के सभी सेंटरों में रह रहे लोगों को मास्क, गमछा आदि का प्रयोग करने का निर्देश दिया है।

उन्होंने कहा कि वे खुद सभी सेंटरों का निरीक्षण कर रहे हैं।

राहुल कुमार ने कहा है कि प्रवासी कामगारों को रोजगार मुहैया करवाने के लिए प्रखंडवार स्किल मैपिंग का काम किया जा रहा है। इस दौरान कई लोगों को चिन्हित कर उन्हें रोजगार मुहैया करवाने के लिए कार्य योजना बनाई गई है।

उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने आने वाले मजदूरों को सालभर रोजगार देने के लिए कमर कस ली है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सभी विभागों को रोजगार के अवसर बढ़ाने, जिला स्तर पर इसके अवसर तलाशने और इसकी कार्य योजना तैयार करने का निर्देश दिया है। राज्य सरकार ने 50 लाख श्रमिकों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने का लक्ष्य तय किया है। इसके लिए हर जिले में अध्ययन कराया जा रहा है, जिससे पहले से यहां रह रहे मजदूरों के साथ-साथ आने वालों को भी रोजगार दिया जा सके।

–आईएएनएस

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम पर फ़ॉलो और यूट्यूब पर सब्सक्राइब भी कर सकते हैं.)