आरा, 6 फरवरी (आईएएनएस)| जम्मू एवं कश्मीर में आतंकवादियों से लोहा लेते हुए बुधवार को शहीद हुए बिहार के भोजपुर जिले के सपूत रमेश रंजन को गुरुवार को यहां उनके पैतृक गांव देवटोला में उन्हें अंतिम विदाई दी गई। शहीद का पार्थिव शरीर गुरुवार सुबह पटना से भोजपुर के जगदीशपुर प्रखंड अंतर्गत देवटोला गांव पहुंचा, जहां पुलिस सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। रमेश रंजन के पिता ने जब अपने शहीद बेटे को मुखाग्नि दी तो वहां खड़े सभी लोगों की आंखें नम हो गईं।
शहीद का पार्थिव शरीर यहां पहुंचते ही ‘भारत माता की जय’ और ‘वीर रमेश रंजन अमर रहे’ के नारे से पूरा गांव गूंज उठा।
रमेश की शहादात पर उनके परिजनों को गर्व है। देश के दुश्मनों से लोहा लेते शहीद हुए रमेश पर देवटोला गांव के ग्रामीण गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।
रमेश के पिता राधामोहन सिंह ने बेटे की शहादत पर कहा, “मुझे गर्व है कि मेरे बेटे ने आतंकियों को मार गिराया और देश की रक्षा के लिए अपनी जान दे दी। केंद्र सरकार कश्मीर में ऐसा काम करे कि वहां जड़ से आतंकी मिट जाएं, जिससे मेरे बेटे जैसा देश का कोई और बेटा शहीद न हो।”
उन्होंने कहा कि उन्हें बेटे की शहादत पर मुआवजा या मदद नहीं चाहिए, बल्कि उनकी मांग है कि उनके शहीद बेटे को परमवीर चक्र मिले। उन्होंने कहा, “मेरा बेटा आतंकवादी को मारकर शहीद हुआ है।”
इससे पहले रमेश का पार्थिव शरीर पटना हवाईअड्डा पहुंचा था, जहां मंत्री नंदकिशोर यादव और राज्य के वरिष्ठ अधिकरियों ने शहीद को श्रद्धांजलि दी।
उल्लेखनीय है कि जम्मू एवं कश्मीर में बुधवार को आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में सीआरपीएफ की 73वीं बटालियन के जवान रमेश रंजन शहीद हो गए थे।