बिहार में अभी विधानसभा चुनाव की मतगणना पूरी भी नहीं हुई और इसी बीच नीतीश कुमार के विरोध में स्वर सुनाई देने लगे हैं। जी हां, एक मीडिया चैनल से बात के दौरान भाजपा जिला अनुसूचित जाति मोर्चा के जिला अध्यक्ष अजित चौधरी ने मुख्यमंत्री पद के लिए खुद की दावेदारी पेश कर दी है।
दरअसल अभी तक घोषित हुए चुनाव परिणामों में बीजेपी ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है, वहीं उनके सहयोगी दल जदयू का प्रदर्शन उनके मुकाबले कमतर रहा है। ऐसे में ये सवाल उठने लगे है कि क्या बीजेपी अपने बेहतरीन प्रदर्शन का फायदा उठाते हुए अपनी पार्टी के किसी उम्मीदवार को मुख्यमंत्री बनाएगी या फिर नीतीश ही बिहार की बागडोर संभालेंगे।
इस साल होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी ने कुछ दिनों पहले ही अपनी नई टीम की घोषणा कर दी थी। बीजेपी अध्यक्ष संजय जायसवाल ने अपनी जिस नई टीम का ऐलान किया, उसमें कई नए लोगों को जगह दी गई है तो वहीं कई लोगों को प्रोमोशन मिला था।
बीजेपी ने जहां प्रदेश संगठन महामंत्री नागेंद्र और प्रदेश सह-संगठन महामंत्री के पद पर शिवनारायण महतो को ही बरकरार रखा था।है। वहीं अजीत चौधरी को अनुसूचित जाति मोर्चा के अध्यक्ष बनाया गया था। चुनाव परिणाम अभी आधिकारिक तौर पर घोषित नहीं हुए लेकिन इस बीच अजित चौधरी की सीएम बनने की इच्छा से इतना तो तय हो गया है कि सीएम पद के लिए जदयू और बीजेपी में कलह भी देखने को मिल सकती है।