बिहार: पहले चरण का चुनाव समाप्त, दांव पर इन दो बड़े नेताओं की किस्मत

  • Follow Newsd Hindi On  
बिहार: पहले चरण का चुनाव समाप्त, दांव पर इन दो बड़े नेताओं की किस्मत

बिहार में लोकसभा चुनाव के पहले चरण की चार सीटों (गया, औरंगाबाद, नवादा व जमुई) पर मतदान के साथ ही उम्मीदवारों की किस्मत EVM में बंद हो गई है। इस चरण में वोटरों ने बिहार के दो बड़े नेताओं की किस्‍मत का फैसला कर दिया है। इनमें एक महागठबंधन के घटक दल हिंदुस्‍तानी अवाम मोर्चा (HAM) के सुप्रीमो तथा बिहार के पूर्व CM जीतनराम मांझी हैं तो दूसरे सत्‍ताधारी राष्‍ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के घटक दल लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के सुप्रीमो राम विलास पासवान के बेटे व पार्टी के संसदीय दल के नेता चिराग पासवान हैं। पहले चरण के मतदान में निगाहें नवादा सीट पर भी टिकी रहीं, जहां दो बाहुबलियों में अप्रत्‍यक्ष जंग हुई।

पहले चरण में गया और नवादा सीटों पर 13-13 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे तो औरंगाबाद और जमुई सीटों पर नौ-नौ प्रत्‍याशी ताल ठोक रहे थे। आइए नजर डालते हैं कुछ प्रमुख प्रत्‍याशियों पर


जीतन राम मांझी

बिहार के पूर्व CM जीतनराम मांझी गया लोकसभा क्षेत्र से महागठबंधन की ओर से अपनी पार्टी ‘हम’ के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। उनका मुकाबला NDA से जदयू के विजय कुमार मांझी से है।

मांझी राज्‍य के पहले दलित मुख्‍यमंत्री रह चुके हैं। वे विपक्षी महागठबंधन में बड़ा दलित चेहरा हैं। जीतनराम मांझी मजदूरी से जिंदगी की शुरुआत कर डाक विभाग में क्लर्क बने, फिर राजनीति में उतरकर मुख्‍यमंत्री तक बने। वे बिहार में कांग्रेस, राजद (RJD) और जदयू (JDU) की सरकारों में मंत्री भी रह चुके हैं।

जीतनराम साल 2014 में वे मुख्यमंत्री बने। जब नीतीश कुमार ने बाद में उन्‍हें इस्तीफा देने को कहा तो उन्‍होंने अस्‍वीकार कर दिया। फिर उन्‍होंने अपनी पार्टी (HAM) बनाई और राजग का हिस्‍सा बन गए। लेकिन राजग में फिर जनता दल यूनाइटेड (JDU) के शामिल होने के बाद के बदले राजनीतिक घटनाक्रम में वे राजग से किनारा कर महागठबंधन में आ गए। अब वे महागठबंधन की तरफ से गया से चुनाव मैदान में हैं।


चिराग पासवान

लोजपा प्रमुख राम विलास पासवान के बेटे चिराग पासवान जमुई लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। गत लोकसभा चुनाव में भी वे यहीं से जीते थे। उनके खिलाफ महागठबंधन में शामिल राष्‍ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP) से भूदेव चौधरी ताल ठोक रहे हैं। भूदेव चौधरी पहले भी सासंद रह चुके हैं और जमुई में जाना माना चेहरा हैं।

चिराग ने पहले फिल्मों में किस्मत आजमाई, फिर राजनीति का रुख किया। कहा जाता है कि लोजपा के राजग (NDA) के साथ जाने के फैसले के पीछे चिराग ही थे। रामविलास पासवान ने चिराग को ही पार्टी के फैसले करने के लिए अधिकृत किया है। वे राजग के साथ बिहार में भी राजनीति के युवा चेहरा हैं।


नवादा में बाहुबलियों में लड़ाई

वहीं बिहार की नवादा संसदीय सीट पर इस बार बहुबलियों में अप्रत्‍यक्ष लड़ाई है। भाजपा सांसद और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह यहां से सांसद हैं। मगर इस बार वो बेगूसराय से चुनाव मैदान में हैं।

राजग में यह सीट लोजपा के हिस्से चली गई तो उसने चंदन सिंह को मैदान में उतारा है। उनके मुकाबले में महागठबंधन की ओर से राजद (RJD) की विभा देवी हैं। चंदन जहां बाहुबली सूरजभान सिंह के भाई हैं, वहीं विभा दुष्‍कर्म कांड में सजायाफ्ता पूर्व राजद विधायक राजबल्लभ यादव की पत्नी हैं।


बिहार में 44 उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में कैद, मतदान 53 फीसदी 

(आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम पर फ़ॉलो और यूट्यूब पर सब्सक्राइब भी कर सकते हैं.)