बिहार: गोपालगंज में मानवता की मिसाल, मुस्लिम युवक ने रोजा तोड़कर हिंदू महिला को दिया अपना खून

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बिहार: गोपालगंज में मानवता की मिसाल, मुस्लिम युवक ने रोजा तोड़कर हिंदू महिला को दिया अपना खून

कोरोना संकट के बीच भी कुछ लोग धर्म के आधार पर वैमनस्य फैला रहे हैं। सोशल मीडिया पर नफरत के बीज बोये जा रहे हैं। सांप्रदायिक शक्तियों द्वारा जहर की खेती की जा रही है। लेकिन पिछले कुछ दिनों में कई लोगों ने भेदभाव से ऊपर उठाकर मानवीयता दिखाते हुए दूसरे धर्म के लोगों की मदद की है। ताजा उदाहरण बिहार के गोपालगंज जिले का है। यहाँ लॉकडाउन के दौरान एक मुस्लिम युवक ने रोजा तोड़कर एक हिंदू महिला को अपना खून दान किया।

रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार के गोपालगंज जिले के सरैया मोहल्ले के निवासी अमानुल्लाह ने अपना फर्ज रोजा तोड़कर उषा देवी की जान बचाने के लिए रक्तदान किया है। आरजेडी नेता लालू प्रसाद यादव के गांव फुलवरिया की उषा देवी किडनी की मरीज हैं। उन्हें डायलेसिस के लिए सदर अस्पताल में लाया गया था। महिला को बी-पॉजिटिव रक्त की जरूरत थी। ब्लड बैंक व अन्य स्थानों पर परिजनों ने काफी तलाश की लेकिन सफलता नहीं मिली। कोरोना को लेकर कोई भी घर से नहीं निकल रहा है। इस बीच महिला की हालत धीरे-धीरे खराब होती जा रही थी।


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जब इस बात की जानकारी अमानुल्लाह को मिली तो, उन्होंने मानवता दिखाते हुए रोजा तोड़ दिया और महिला को खून देने के लिए गोपालगंज सदर अस्पताल पहुंच गए। अमानुल्लाह के इस प्रयास से महिला की जान बच गई है। वहीं एक अन्य मामले में गुड्डू नाम के मुस्लिम युवक ने रोजा तोड़कर थैलेसीमिया से पीड़ित पांच साल के बच्चे को अपना खून दिया। इलाके में इन दोनों युवकों की तारीफ हो रही है।


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