चुनाव में भाषा का गिरता स्तर लोकतंत्र के स्वस्थ्य माहौल के लिए सही नहीं माना जाता है। अभी चल रहे 17वें लोकसभा चुनाव में इस तरह के बहुत सारे मामले सामने आए जब नेताओं ने अपने राजनीतिक विरोधियों के लिए अभद्र भाषा का प्रयोग किया। कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है बिहार में, जहां जदयू प्रवक्ता संजय सिंह ने मीसा भारती को लेकर विवादित बयान दिया है।
लोकसभा चुनाव 2019 को लेकर बिहार में बयानबाजी का दौर जारी है। नेता एक दूसरे पर आरोप तो लगा ही रहे हैं, साथ ही भाषायी मर्यादा भी खो रहे हैं। ताजा मामला जेडीयू के प्रवक्ता संजय सिंह से जुड़ा है, जिन्होंने राजद सांसद और लालू प्रसाद की बड़ी बेटी मीसा भारती की तुलना शूर्पणखा से कर दी है।
क्या है पूरा मामला
गौरतलब है कि सोमवार को मीसा भारती ने कहा था कि बड़ी बहन होने के नाते उनके लिए सभी भाई-बहन एक समान हैं, लेकिन लालू प्रसाद यादव के उत्तराधिकारी तेजस्वी यादव ही हैं। मीसा का यह बयान तेज प्रताप के उस बयान के खिलाफ है, जिसमें उन्होंने खुद को ‘दूसरा लालू’ बताया था। जदयू प्रवक्ता ने अपना बयान इन घटनाओं के संदर्भ में दिया है।
क्या कहा था जदयू प्रवक्ता ने
जदयू प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा है कि मीसा भारती की भूमिका लालू परिवार में शूपर्णखा की तरह है। जिस तरह शूपर्णखा प्राचीन काल में रावण व विभीषण के बीच झगड़ा लगाती थी, उसी तरह मीसा इन दिनों तेज प्रताप व तेजस्वी के बीच में झगड़ा लगातीं हैं। वे दोनों भाइयों के झगड़े की आग में घी डालतीं हैं।
महागठबंधन ने किया पलटवार
वहीं जदयू प्रवक्ता के बयान पर महागठबंधन के नेताओं ने पलटवार किया है। राजद के विजय प्रकाश ने कहा कि राजद में सीता व राधा पैदा लेती हैं, न कि शूपर्णखा। पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने कहा कि किसी महिला के बारे में ऐसा कहना पूरे महिला समाज का अपमान है। कांग्रेस के प्रवक्ता प्रेमचंद मिश्रा ने जदयू के बयान को अशोभनीय बताया। साथ ही यह भी कहा कि महिलाओं के बारे में एसी टिप्पणी जदयू को भारी पड़ेगी।
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