मक्के की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की मांग को लेकर बिहार (Bihar) के किसानों (Maize farmers) ने अनोखा विरोध-प्रदर्शन किया है। गुरुवार को किसानों ने अपने-अपने घर के बाहर मक्के का हवन करके केंद्र और राज्य सरकार का ध्यान खींचने की कोशिश की है। साथ ही किसानों ने भारत सरकार द्वारा 5 लाख टन मक्के के सस्ते आयात का विरोध किया है।
किसानों का कहना है कि मक्का 1000/क्विंटल भी नहीं बिक रहा है, जबकि सरकार ने इसका न्यूनतम समर्थन मूल्य 1760/क्विंटल तय किया है। वहीं और ऊपर से सरकार 5 लाख टन सस्ता मक्का आयात करने जा रही है। इसी बात को लेकर किसानों ने “मक्के का हवन” कर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस दौरान किसानों ने पीएम नरेंद्र मोदी, सीएम नीतीश कुमार, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और केंद्रीय खाद्य आपूर्ति मंत्री रामविलास पासवान के खिलाफ “स्वाहा” के नारे भी लगाए।
बिहार में किसान हवन कर रहे हैं:-
@narendramodi स्वाहा@nstomar स्वाहा@irvpaswan स्वाहा@NitishKumar स्वाहाये रोष इसलिए है की इन किसानों की मक्का Rs 1000/क्विंटल में भी नहीं बिक रही, जबकि न्यूनतम समर्थन मूल्य 1760/क्विंटल है;और ऊपर से सरकार 5 लाख टन सस्ता मक्का आयात कर रही है pic.twitter.com/Fnw3Nt7FvM
— Ramandeep Singh Mann (@ramanmann1974) June 25, 2020
बिहार किसान मंच के अध्यक्ष धीरेंद्र सिंह टुडू ने कहा कि बिहार देश के प्रमुख मक्का उत्पादक राज्यों में शामिल है। लेकिन यहां के मक्का उत्पादक किसानों को उचित दाम नहीं मिलने से वे परेशान हैं। उन्होंने कहा कि केंद्रीय खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री राम विलास पासवान बिहार से हैं। एफसीआई (FCI-Food Corporation of India) उनके अधीन है इसके बावजूद यहां पर मक्के का कोई सरकारी खरीद केंद्र नहीं है।
टुडू ने यह भी कहा कि, बिहार मक्का स्टार्च हब कहलाता है इसके बावजूद यहां स्टार्च फैक्टरी नहीं लगना दुर्भाग्यपूर्ण है। खगड़िया में प्रिस्टाइन मेगा फूड पार्क में मक्के से बनने वाली चीजों की 34 यूनिट लगाई जानी थी लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ। यह वही फूड पार्क है जिसका केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर बादल (Harsimrat Kaur Badal) ने 29 नवंबर 2018 को उद्घाटन करने से इनकार कर दिया था।
उन्होंने कहा कि एक क्विंटल मक्का पैदा करने में किसानों को C2 लागत के हिसाब से 1200-1300 सौ रुपये खर्च बैठता है. बिहार के किसान मक्का को 1100-1200 मे बेच रहा है, जबकि भारत सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य 1850 रुपये निर्धारित किया है।