आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर पटना के गांधी मैदान में तीन मार्च को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की संकल्प रैली होने जा रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी रैली को संबोधित करेंगे। इस रैली में सीएम नीतीश समेत बिहार एनडीए के सभी बड़े नेता मौजूद रहेंगे।
बताया जा रहा है कि एनडीए की संकल्प रैली बीजेपी की हुंकार रैली से भी बड़ी रैली होगी। इस रैली की खास बात यह भी है कि नौ साल बाद किसी चुनावी रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक साथ दिखेंगे।
2010 लुधियाना रैली मे दिखे थे साथ
इस रैली में लगभग 10 साल बाद पीएम नरेन्द्र मोदी और सीएम नीतीश कुमार एक मंच पर मौजूद रहेंगे। दरअसल, 2010 में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पीएम मोदी (तब के गुजरात के सीएम) पंजाब के लुधियाना में चुनावी मंच को शेयर किया था। उसके बाद से अब तक दोनों (मोदी-नीतीश) एक मंच पर कई बार दिखे, लेकिन कभी भी चुनावी मंच साझा नहीं किया।
PM मोदी के बड़े आलोचकों में से थे नीतीश
लेकिन इसके बाद जून 2013 में नीतीश कुमार राजग से नाता तोड़ राष्ट्रीय जनता दल (राजद) व कांग्रेस के साथ महागठबंधन का हिस्सा बने तथा महागठबंधन की सरकार में मुख्यमंत्री बने। आगे अगस्त 2017 में वे फिर राजग में वापस लौटे तथा राजग की सरकार बनाई।
नरेंद्र मोदी व नीतीश कुमार के बीच एक वह भी दौर आया था, जब दोनों के बीच के संबंध निम्नतम स्तर पर दिखे थे। महागठबंधन के रहने के दौरान नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बड़ा आलोचक माना जाता था, लेकिन अब दोनों साथ-साथ हैं।
अब नीतीश व मोदी के बीच बेहतर तालमेल
दरअसल, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महागठबंधन में रहने के दौरान भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नीतिगत आधार पर कुछ मुद्दों पर समर्थन किया था। बाद में जदयू के राजग में शामिल होनें के बाद मोदी व नीतीश में गजब की केमिस्ट्री देखी गई है। प्रधानमंत्री मोदी जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को मित्र बताते हैं, वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी प्रधानमंत्री के बड़े समर्थक बनकर सामने आए हैं।
2014 में NDA से अलग हो गए थे नीतीश
2014 लोकसभा चुनाव में पहले सीएम नीतीश जून 2013 में एनडीए से अलग हो गए थे और उनकी पार्टी बिहार में अकेले लोकसभा चुनाव लड़ी थी। 2015 विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार राजद के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़े और बिहार में सरकार बनाई।
2017 में की ‘घर वापसी’
नीतीश कुमार लगभग दो साल तक राजद के साथ मिलकर बिहार में सरकार चलायी। लेकिन 2017 में भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाकर राजद से अगस्त महीने में गठबंधन तोड़ दिया और फिर एनडीए में वापस आ गए। तब से यह गठबंधन बरकरार है।
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