बिहार से एक अजीबोगरीब खबर सामने आई है। राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सुरक्षा में तैनात डीएसपी की गाड़ी अचानक गायब हो गई है। सीएम की सुरक्षा में सहरसा से विशेष शाखा से आए डीएसपी मनोज कुमार की सफारी गाड़ी पूर्णिया समाहरणालय से पिछले मंगलवार को गायब हो गई। सबसे हैरानी की बात है कि जब डीएसपी की गाड़ी गायब हुई तो सीएम नीतीश कुमार, डीजीपी समेत कई आला अधिकारी डीएम ऑफिस में समीक्षा बैठक कर रहे थे।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, 24 घंटे तक जब गाड़ी और ड्राइवर का कोई पता नहीं चला तो मामले को लेकर पूर्णिया के हाट थाने में मामला दर्ज करवाया गया। सहरसा के स्पेशल ब्रांच के डीएसपी मनोज कुमार ने यह शिकायत लिखी है कि वे सहरसा डीएम के आदेश पर एक सफारी गाड़ी पांच जनवरी को लेकर आए थे। सात जनवरी को दो बजे पूर्णिया समाहरणालय से सुरक्षा व्यवस्था को देखकर सर्किट हाऊस और हेलीपैड और सभागार वगैरह जगहों पर ड्यूटी के तहत गया था। इसी बीच ड्राइवर गाड़ी लेकर फरार हो गया, जिसने उस दिन से अपना मोबाइल भी बंद कर लिया है।
डीएसपी ने ड्राइवर पर लगाया ये आरोप
डीएसपी के बयान के मुताबिक उन्होंने अपने बॉडी गार्ड संजीव ठाकुर से भी गाड़ी खोजबीन कराई, लेकिन कोई सुराग नहीं लग सका। जबकि एफआईआर में ड्राइवर पर आरोप लगाया है कि उसने वीआईपी सुरक्षा में खतरा और सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने के साथ डीजल तथा अग्रिम राशि का गबन किया है। इस मामले की छायाप्रति डीआईजी, एसपी और जिला पदाधिकारी को भी दी गई है।
केहाट थानाध्यक्ष संजय कुमार सिंह ने बताया कि मामला दर्ज कर कानूनी कार्रवाई शुरू की गयी है और पूर्णिया से पुलिस की एक टीम सहरसा ड्राइवर को खोजने जाएगी। थानाध्यक्ष ने यह भी बताया कि वाहन चालक ही वाहन मालिक भी है और गाड़ी सहरसा समाहरणालय ने किराये पर लेकर ड्यूटी के लिए संबंधित डीएसपी को दी थी। हालांकि इस मामले पर बड़े पुलिस अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे हैं।
गौरतलब है कि पिछले दिनों पटना के एएसपी की गाड़ी भी सचिवालय थाना के स्पेशल ब्रांच के बाह से ही सूमो विक्टा गायब हो गई थी। इस मामले में थाना में केस दर्ज भी किया गया लेकिन आज तक वो गाड़ी नहीं मिल पाई। अब देखना है कि डीएसपी साहेब की गाड़ी तक पुलिस पहुंच पाती है कि नहीं?