रिया की औकात नहीं कि वो बिहार के सीएम पर टिप्पणी करे: बिहार डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे

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Bihar Police Chief's Controversial Comment On Rhea Chakraborty

Sushant Singh Rajput’s case: सुशांत केस की जांच सीबीआई को सौंपे जाने पर बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने खुशी जाहिर की है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कहा कि  मैं बहुत खुश हूं ये न्याय की जीत है। सर्वोच्च न्यायालय ने जो फैसला दिया है उससे 130 करोड़ जनता के दिल में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के लिए जो आस्था थी वो अब पहले से ज्यादा दृढ़ हुई है।

कोर्ट के आदेश के बाद बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने रिया चक्रवर्ती को लेकर कहा कि उनकी हैसियत नहीं कि वो बिहार के सीएम पर टिप्पणी करें। उन्होंने कहा कि इस केस में महाराष्ट्र पुलिस का व्यवहार पूरी तरह से अनैतिक था। इस केस में नतीजा जरूर आएगा, क्योंकि यह मेरी या किसी एक परिवार की लडाई नहीं है, यह पूरे 130 करोड लोगों की लड़ाई है।


डीजीपी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के मुहर के बाद पूरे देश को पता चला कि बिहार पुलिस कुछ गलत नहीं कर रही थी। कुछ लोगों को बेचैनी ओर छटपटाहट थी कि कहीं उनकी पोल ना खुल जाए, इसलिए उन्होंने इसे प्रभावित करने की कोशिश की। पत्रकारों के सवाल पर उन्होंने कहा कि मैं रिपीट करता हूं कि रिया चक्रवर्ती की हैसियत नहीं है कि वह सीएम नीतीश कुमार पर कॉमेंट करे।

बिहार के सीएम ने जो सपोर्ट किया उसी के चलते सुशांत केस की जांच सीबीआई तक पहुंची है। सुशांत सिंह राजपूत केस की जांच को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए सुशांत केस को सीबीआई को सौंप दिया है। न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय की एकल पीठ ने सुशांत सिंह मौत मामले पर फैसला सुनाया।

कोर्ट ने अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट में कहा कि केस की जांच मुंबई पुलिस नहीं, बल्कि सीबीआई ही करेगी। कोर्ट के इस फैसले से महाराष्ट्र सरकार और मुंबई पुलिस के साथ रिया को भी झटका लगा है, क्योंकि महाराष्ट्र पुलिस इस मामले की जांच खुद करना चाहती थी, वहीं रिया चाहती थी कि इस मामले को पटना से मुंबई ट्रांसफर किया जाए।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में बिहार में दर्ज एफआईआर को सही ठहराया है, इसके अलावा, मुंबई पुलिस को जांच में सहयोग करने का भी आदेश दिया है। सुशांत की मौत की जांच पर पिछले दिनों मुंबई और बिहार पुलिस एक-दूसरे के विरूद्ध थी। इस मामले में महाराष्ट्र पुलिस पर लापरवाही के आरोप लगे थे।

जिसके बाद सुशांत के पिता केके सिंह की शिकायत पर पटना के राजीव नगर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। बिहार पुलिस की टीम जब मुंबई जांच के लिए पहुंची तो महाराष्ट्र पुलिस ने कोई भी मदद नहीं की। इसके साथ ही बिहार पुलिस की टीम को लीड करने वाले आईपीएस ऑफिसर को जबरन क्वारंटीन कर दिया था।

सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि महाराष्ट्र पुलिस इस केस की छानबीन करने में सक्षम नहीं रही इसलिए इसकी जांच सीबीआई को सौंपी जा रही है। इस मामले में सुनवाई के दौरान कहा गया कि महाराष्ट्र पुलिस ने इतने बड़े मामले में एक मुकदमा तक दर्ज नहीं किया।

कोर्ट में जब इस पर सवाल पूछे गए तो महाराष्ट्र पुलिस का पक्ष रख रहे वकील ने इसे राजनीतिक रंग देने की कोशिश की। उनका कहना था कि इस केस में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जैसी शख्सियत शामिल हैं, जिसका वे बिहार विधानसभा चुनाव में लाभ लेना चाहते हैं। इस पर बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि यह मामला असल में यह है कि एक अभिनेता का शव उसे फ्लैट में मिलता है।

इस मामले की महाराष्ट्र पुलिस की ओर से कोई जांच नहीं की जाती है। जब बिहार पुलिस की टीम इसकी छानबीन करने जाती है तो उसे ऐसा करने से क्यों रोका जाता है। इस दलील को महाराष्ट्र पुलिस और रिया चक्रवर्ती के वकील कोर्ट में काउंटर नहीं कर पाए।

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