बिना कोचिंग सरकारी स्कूल के छात्रों ने नीट और जेईई में हासिल की रैंक

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नई दिल्ली, 24 अक्टूबर (आईएएनएस)। जेईई (एडवांस) और नीट- 2020 में बेहतर रैंक हासिल करने वाले दिल्ली के सरकारी स्कूलों के छात्रों के साथ मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सीएम आवास पर मुलाकात की। इस छात्रों ने अपने अनुभव साझा किए। बच्चों की इस कामयाबी के लिए अभिभावकों ने सीएम अरविंद केजरीवाल को धन्यवाद देकर आभार जताया।

सरकारी स्कूलों के ऐसे बीस बच्चे शामिल थे, जिन्होंने मेडिकल और इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षाओं में शानदार प्रदर्शन किया। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इन बच्चों को अपना मेहमान बनाकर एक बार फिर यह संदेश दिया है कि शिक्षा सर्वोपरि है।


मुख्यमंत्री की गेस्ट लिस्ट में खुश गर्ग, खुशनुमा परवीन, आकांक्षा, तमन्ना, चिराग और गर्वित रहे।

केजरीवाल ने बच्चों को दिल्ली के सरकारी स्कूलों के लिए रोल मॉडल बनने का आह्वान करते हुए कहा, “आप जब भी कभी छुट्टियों में वापस लौटकर आएंगे तो दिल्ली के स्कूलों में आपको ले जाकर हम अन्य बच्चों से बात करेंगे। उन्हें दिखाना चाहेंगे कि जब आप सफल हो सकते हैं, तो हर बच्चा ऐसा कर सकता है।”

केजरीवाल ने कहा, “मैंने भी कोचिंग ली थी, मेरे बेटे और मेरी बेटी ने भी कोचिंग ली थी। लेकिन आप सबने कर दिखाया। मुझे आप सब की कहानियां सुनकर काफी गर्व हुआ। आपने सरकारी स्कूलों में पढ़ते हुए बगैर कोचिंग के ऐसी सफलता हासिल की। आपके लिए यह कितना मुश्किल सफर रहा होगा, यह मैं समझ सकता हूं। आर्थिक परेशानियों के बावजूद आपके माता पिता ने आपके लिए काफी संघर्ष किया और आपने बिना कोचिंग के सफलता हासिल की।”


केजरीवाल ने कहा कि, “मैंने भी जेईई किया था। मैं हिसार से था। आज हमारे एक ही स्कूल में 5 बच्चों का जेईई निकालना और 24 बच्चों का नीट पास करना, दिल्ली ही नहीं, पूरे देश के लिए बड़ी बात है।”

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कई स्टूडेंट्स को लगता है कि उन्हे मनचाही ब्रांच नहीं मिली। मुझे भी केमिकल इंजीनियरिंग मिली थी, जो मैं लेना नहीं चाहता था। लेकिन मेरे पिताजी ने कहा कि इस साल एडमिशन ले लो और वह मैंने लिया। वह अच्छा ही रहा। आपके ऊपर आईआईटी का ठप्पा लगना एक बड़ी बात है।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि जेईई, नीट करने के बाद लोग विभिन्न क्षेत्रों में जाते हैं। आप कहीं भी जाएं, एक बात को हमेशा ध्यान में रखना कि देश में काफी गरीबी है। आप सबने इसे झेला भी है। हर बच्चे को यह सोचना है कि मैं इस देश के लिए क्या कर सकता हूं। आप अपने क्षेत्र में ऐसा करें, जिससे कि देश का नाम रोशन हो और जिससे देश को लाभ हो।

–आईएएनएस

जीसीबी/एएनएम

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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