बिना तीसरे चरण के ट्रायल के कोवैक्सीन को हरी झंडी क्यों? : थरूर

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नई दिल्ली, 4 जनवरी (आईएएनएस)। कांग्रेस नेता शशि थरूर ने बिना तीसरे चरण के परीक्षण के भारत बायोटेक के कोविड वैक्सीन को मंजूरी देने के लिए सरकार की जमकर खिंचाई की है।

केंद्रीय लाइसेंसिंग प्राधिकरण ने भारत बायोटेक के कोवैक्सीन को बिक्री और वितरण के लिए अनुमति दे दी है। यह भारत का अपना स्वदेशी कोरोनोवायरस वैक्सीन है, जिसे आपात उपयोग के लिए मंजूरी मिली है।


थरूर ने कहा, हम सिर्फ इतना ही कह रहे हैं कि अगर टीका प्रभावी रूप से काम किया तो ये हमारे लिए गर्व की बात होगी। लेकिन तीसरे चरण के नैदानिक परीक्षण से पहले इसे मंजूरी देना वैज्ञानिक प्रोटोकॉल का उल्लंघन है, जो अब तक कहीं भी दुनिया में नहीं हुआ है। अंध राष्ट्रभक्ति कॉमन सेंस का विकल्प नहीं हो सकती।

इससे पहले, रविवार को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) वी.जी. सोमानी ने घोषणा की कि भारत बायोटेक के कोवैक्सीन को आपातकालीन स्थितियों में उपयोग के लिए अनुमोदित किया गया है। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के कोविशील्ड वैक्सीन को भी मंजूरी दी गई है।

थरूर ने कहा, लेकिन स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इसके काम करने की अधिक संभावना है और इस बात की भी संभावना है कि दूसरे वैक्सीन की तरह ये भी असरदार हो। ये बात आश्वस्त करने वाली नहीं है। लाइकली शब्द तीसरे चरण के नैदानिक परीक्षण के बाद ही सर्टेन में बदल सकता है।


–आईएएनएस

एसकेपी/एसजीके

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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