शहीदों के परिजनों को 110 करोड़ देने का ऐलान करने वाले मुर्तजा अली कौन हैं?

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शहीदों के परिजनों को 110 करोड़ देने का ऐलान करने वाले मुर्तजा अली कौन हैं?

पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ के 40 जवानों के परिजनों की मदद के लिए पूरे देश से लोग सामने आ रहे हैं। अब कोटा के रहने वाले एक शख्स ने भी शहीदों के परिवार के लिए 110 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता देने की पेशकश की है। इस शख्स का नाम है मुर्तजा अली हमीद, जो फिलहाल मुंबई में बतौर वैज्ञानिक काम कर रहे हैं। यह राशि वह प्रधानमंत्री राहत कोष में भेजेंगे।

मुर्तजा अली ने इसके लिए प्रधानमंत्री कार्यालय में ई-मेल कर पीएम मोदी से मिलने का समय मांगा है। जिसके जवाब में प्रधानमंत्री कार्यालय से उन्हें जवाब मिला कि दो-तीन दिनों के भीतर प्रधानमंत्री से मिलने का समय तय किया जाएगा। इसके लिए उन्होंने सारी कागजी कार्रवाई भी पूरी कर रखी है।


कौन हैं मुर्तजा अली

मुर्तजा अली मूलतः राजस्थान के कोटा के रहने वाले हैं और वह जन्म से ही नेत्रहीन हैं। 44 साल के मुर्तजा अली हमीद इस समय मुंबई में बतौर वैज्ञानिक काम कर रहे हैं। एक कंपनी के साथ करार से उनको अच्छी रकम मिली है। उनकी पढा़ई कोटा के कॉमर्स कॉलेज से हुई है। उन्होंने वहां से स्नातक की पढ़ाई की। उनका पारिवारिक पेशा ऑटोमोबाइल का था। नेत्रहीन होने के कारण उसमें नुकसान हो रहा था। ऐसे में उन्होंने मोबाइल और डिश टीवी के क्षेत्र में काम शुरू किया। वर्ष 2010 में वे किसी काम से जयपुर गए। वहां एक पेट्रोल पंप पर तेल ले रहे थे। वहां पर एक व्यक्ति के मोबाइल पर फोन आया।

उस व्यक्ति ने फोन रिसीव किया और आग लग गई। इसका कारण जानने के लिए उन्होंने स्टडी शुरू की। इस तरह उन्होंने फ्यूल बर्न रेडियेशन टेक्नोलॉजी की खोज की। इस तकनीक के जरिए जीपीएस, कैमरा या अन्य किसी उपकरण के बगैर ही किसी भी वाहन को ट्रेस किया जा सकता है।

मुर्तज़ा का दावा है- आज मेरे पास वित्तीय स्थिति बेहतर है,लेकिन तीन साल पहले मैंने सरकार को इस तकनीकी सहायता का ऑफर किया था मगर ऐसा नहीं हुआ,अगर  इस तकनीक को सरकार मान्यता दे देती तो पुलवामा जैसी घटना को रोका जा सकता था।


इस तकनीक का विस्तार करते हुए, उन्होंने कहा, ईंधन के साथ किसी भी प्रकार का व्यवधान,जैसे विस्फोट में इस्तेमाल होने वाले, का पता लगाया जा सकता है, क्योंकि यह फ्यूज से जुड़ा होता है। मुर्तजा का कहना है कि उन्हें अभी भी सरकार की प्रतिक्रिया का इंतजार है।

मुर्तजा ने साल 2016 में इस तकनीक को फ्री में भारत सरकार को देने के लिए प्रस्ताव दिया था, लेकिन इसके लिए शुरुआती मंजूरी सरकार की तरफ से अक्टूबर 2018 में मिली।


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