बंद के दौरान बीएसएफ ने जरीधरला ग्रामवासियों को मोबाइल एटीएम के जरिए पहुंचाई मदद (आईएएनएस विशेष)

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कूच बिहार (पश्चिम बंगाल), 27 अप्रैल (आईएएनएस)। लॉकडाउन संकट के बीच भारत-बांग्लादेश अंतरराष्र्ट्ीय सीमा पर स्थित जरीधरला गांव को सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की ओर से ‘मोबाइल एटीएम’ के माध्यम से मदद मुहैया कराई गई है। जरूरतमंद ग्रामीणों को कोरोना प्रकोप के बीच पैसे देकर कुछ मदद पहुंचाई गई है।

‘मोबाइल एटीएम’ गरीब और बेसहारा लोगों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अपनाया गया एक अनूठा तरीका है।


सीमा पर स्थित भारतीय गांव जरीधरला इस क्षेत्र से गुजरने वाली नदी धारला के कारण बाड़ द्वारा चिह्न्ति नहीं है। इसलिए इस गांव को यह सुविधा प्रदान की गई है, क्योंकि वहां रहने वाले लोगों को लॉकडाउन लागू होने के कारण बाहर जाने की अनुमति नहीं है।

नकदी के लिए ग्रामीणों को गांव से पांच किलोमीटर की दूरी पर स्थापित एक स्वचालित ऑटोमेटेड टेलर मशीन (एटीएम) पर जाना पड़ता है, जो पश्चिम बंगाल की उत्तर-पूर्वी सीमा पर स्थित है और कई बार विशेष परिस्थितयों में यह लगभग पूरी तरह से एक शहर मोगुलहुत पर निर्भर होता है, जो बांग्लादेश में सिर्फ 15 मिनट की दूरी पर स्थित है।

बीएसएफ ने देखा कि गांव में रहने वाले लगभग 200 ग्रामीण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से 24 मार्च को राष्ट्रव्यापी बंद की घोषणा के बाद से एटीएम से पैसे नहीं निकाल पा रहे हैं। इसके बाद बीएसएफ ने ग्रामीणों की नकदी की जरूरत को पूरा करने के लिए ‘मोबाइल एटीएम’ पद्धति को अपनाया।


इसके बाद जरीधरला वासियों के लिए ‘मोबाइल एटीएम’ एक वरदान के रूप में बदल गया और वे पिछले सप्ताह शुक्रवार को अपनी आवश्यकताओं के अनुसार पैसे निकालने में सफल रहे।

अंतरराष्र्ट्ीय सीमा पर गांवों में रहने वाले जरूरतमंदों के लिए बीएसएफ द्वारा पहली बार शुरू की गई अनूठी तकनीक के माध्यम से कई ग्रामीणों ने लगभग 20,000 रुपये निकाले। भारत-बांग्लादेश की 4,096 किलोमीटर की सीमा पर पहरा देने वाली बीएसएफ ने अब तक केवल जरीधरला में ही सुविधा शुरू की है, क्योंकि यहां के ग्रामीण पूरी तरह से खेती पर निर्भर हैं और उन्हें नमक, तेल, साबुन या दवाई जैसी जरूरी चीजों के लिए पैसों की जरूरत है।

ओखरबरी बैंक के दो कस्टमर सर्विस प्वाइंट्स (सीएसपी) और राज्य सरकार के तीन गैर सरकारी संगठनों सहित पांच व्यक्तियों की एक टीम ने ग्रामीणों को सुबह 9:30 बजे से दोपहर एक बजे के बीच पैसे बांटे। बीएसएफ फ्रंटियर (गुवाहाटी) के प्रवक्ता पाराशर ने आईएएनएस को बताया कि पिछले शुक्रवार को पहली बार ग्रामीणों ने 500 रुपये से 2,000 रुपये तक निकाले हैं।

जिन ग्रामीणों के आधार कार्ड उनके खातों से जुड़े हुए हैं, उन्होंने इस अनूठी नकदी निकासी सुविधा का लाभ उठाया।

बीएसएफ के प्रवक्ता (मुख्यालय) सुभेंदु भारद्वाज ने आईएएनएस को बताया, वहां पर सीमा प्रहरी हैं, जो अपनी आवश्यकताओं के लिए अंतरराष्र्ट्ीय सीमा के करीब स्थित गांवों में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति के साथ खड़े हैं। इस लॉकडाउन के दौरान 38 बटालियन बीएसएफ ने आधार आधारित खातों के लिए जरीधरला-2 कूच बिहार व पश्चिम बंगाल के ग्रामीणों के लिए एक मोबाइल एटीएम की सुविधा प्रदान की है।

उन्होंने कहा कि भारत-बांग्लादेश सीमा पर तैनात बीएसएफ बटालियन कोविड-19 महामारी के कारण इस राष्ट्रव्यापी बंद के दौरान ग्रामीणों की सुविधा के लिए सभी प्रयास कर रही है।

उन्होंने बताया कि सामाजिक दूरी जैसी इन परिस्थितियों में बीएसएफ जरूरतमंद ग्रामवासियों को राशन, फेसमास्क, साबुन जैसे आवश्यक सामान भी उपलब्ध करा रहे हैं।

भारद्वाज ने कहा, मगर बुनियादी जरूरत की अन्य चीजों के लिए हमेशा नकदी की आवश्यकता तो होती ही है। इसे उपलब्ध करने के लिए हमने मोबाइल एटीएम सुविधा को जरीधरला ग्रामीणों तक पहुंचाने के बारे में सोचा। इसे लाभार्थियों द्वारा सराहा भी गया है।

–आईएएनएस

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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