बंगाल में हिंदुओं की स्थिति बेहद खतरनाक : विहिप (लीड-1)

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कोलकाता, 25 सितम्बर (आईएएनएस)| विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने बुधवार को कहा कि ममता बनर्जी की अगुवाई वाली सरकार के भेदभावपूर्ण रवैये के कारण पश्चिम बंगाल में हिंदू समाज की स्थिति बेहद खतरनाक है।

विहिप ने नेशनल रजिस्टर फॉर सिटिजन्स (एनआरसी) के मुद्दे पर तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए उन्हें इस संबंध में कोई बयान नहीं देने को कहा।


विहिप ने मुख्यमंत्री बनर्जी द्वारा दिए गए सार्वजनिक बयान की भी कड़ी निंदा की, जिसमें उन्होंने लोगों को महत्वपूर्ण दस्तावेज न होने की स्थिति में पुलिस स्टेशन जाकर एफआईआर दर्ज कराने को कहा था। परिषद ने इसे एनआरसी से बचने का एक हथकंडा करार दिया।

यहां एक मीडिया सम्मेलन को संबोधित करते हुए विहिप के अंतर्राष्ट्रीय महासचिव मिलिंद परांडे ने दावा करते हुए कहा, “बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस सरकार के भेदभावपूर्ण रवैये के कारण राज्य में हिंदू समाज की स्थिति अत्यधिक खतरनाक हो गई है।”

उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री की हिंदू-विरोधी कार्रवाइयों की फेहरिस्त में उनका सार्वजनिक तौर पर दिया गया बयान भी शामिल है। इसमें वह लोगों को उनके व्यक्तिगत दस्तावेजों को खोने के बारे में नजदीकी पुलिस थानों में एफआईआर दर्ज करने के लिए कह रही हैं। यह बयान बहुत ही आश्चर्यजनक है। यह दर्शाता है कि भले ही एक दस्तावेज खोया न हो, मगर एफआईआर दर्ज की जा सकती है।”


परांडे ने बताया कि मुख्यमंत्री ने यहां तक कहा, “हर कोई जानता है कि पश्चिम बंगाल में बाढ़ आना आम बात है, जहां दस्तावेज खो भी सकते हैं।” उन्होंने कहा कि ऐसा बयान देने वाला एक मुख्यमंत्री अकल्पनीय है।

परांडे ने कहा कि मुख्यमंत्री जैसे उच्च संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति द्वारा इस तरह से खुले तौर पर दिए बयान देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए हानिकारक हैं। उन्होंने बनर्जी को एनआरसी के बारे में ऐसे कुंठित बयान देने से बचने के लिए कहा।

उन्होंने दावा किया कि राज्य में लव जिहाद के सैकड़ों मामले हुए हैं, जबकि बनर्जी सरकार की एकतरफा पुलिस कार्रवाई के परिणामस्वरूप मालदा जिले के कालियाचक और हावड़ा में धीरगढ़ जैसे इलाकों में दंगाई भीड़ ने हमले किए हैं।

उन्होंने बनर्जी के इस कथन को भी खारिज कर दिया कि राज्य में कोई भी एनआरसी प्रक्रिया नहीं होगी।

परांडे ने कहा, “एनआरसी लागू होनी ही चाहिए। करोड़ों घुसपैठिए हमारे सीमित संसाधनों का इस्तेमाल कर रहे हैं।”

 

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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