बंगाल में कोई भी डिटेंशन सेंटर स्थापित नहीं होगा : ममता बनर्जी

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 कोलकाता, 22 अक्टूबर (आईएएनएस)| पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को राज्य में डिटेंशन सेंटर स्थापित करने की किसी भी संभावना से इनकार कर दिया।

  अवैध विदेशियों को रखने के लिए असम और कर्नाटक जैसे राज्यों में डिटेंशन सेंटर स्थापित किए जा रहे हैं। ममता ने इन्हीं शिविरों की तर्ज पर बंगाल में कोई भी डिटेंशन सेंटर स्थापित नहीं होने की बात कही।


ममता ने कहा, “मैं सभी सरकारी अधिकारियों की उपस्थिति में जिम्मेदारी के साथ कहती हूं कि हमारे राज्य में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) लाने की कोई योजना नहीं है।”

बनर्जी ने सिलीगुड़ी के पास राज्य सरकार के उत्तर बंगाल शाखा सचिवालय में एक प्रशासनिक बैठक को संबोधित करते हुए कहा, “किसी भी डिटेंशन सेंटर (हिरासत में रखने के लिए बनाए गए शिविर) के निर्माण का सवाल ही नहीं उठता है। यह तभी संभव हो सकता है, जब हम इसका निर्माण करें।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि एनआरसी प्रक्रिया असम में की जा सकती है क्योंकि यह असम समझौते-1985 का हिस्सा है।


इस समझौते पर तत्कालीन कांग्रेस के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने दिवंगत प्रधानमंत्री राजीव गांधी और ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन व ऑल असम गण संग्राम परिषद के नेताओं की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए थे। इन संगठनों के नेताओं ने 1979 से 1985 तक छह साल के लंबे आंदोलन की अगुवाई की थी। इनकी मांग थी कि अवैध बांग्लादेशियों का पता लगाकर उन्हें निर्वासित किया जाए।

बनर्जी ने कहा कि एनआरसी बंगाल में लागू नहीं होगा, क्योंकि यहां हम सरकार चला रहे हैं।

उन्होंने कहा, “वह असम में इस तरह की कवायद कर सकते हैं, क्योंकि यह मामला 1985 के असम समझौते का एक हिस्सा था और राज्य में भाजपा की सरकार है। मगर इस राज्य में हम सरकार चला रहे हैं।”

उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने संसद में नागरिकता संशोधन विधेयक का विरोध किया है क्योंकि ऐसी बातें धर्म के आधार पर नहीं की जानी चाहिए।

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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