बॉलीवुड हस्तियों ने जेएनयू हमले की निंदा की

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मुंबई, 6 जनवरी (आईएएनएस)| दिल्ली स्थित जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) परिसर में नकाबपोश हमलावरों द्वारा छात्रों और शिक्षकों पर रविवार को किए गए हमले की बॉलीवुड हस्तियों ने निंदा की है, जिनमें रीमा कागती, राजकुमार राव, मनोज बाजपेयी और निम्रत कौर जैसे सितारे शामिल हैं। नकाबपोश बदमाशों ने रविवार को छात्रों और शिक्षकों पर लाठी-डंडों और लोहे की छड़ों से हमला किया।

हमले में घायल करीब 20 विद्यार्थी एम्स में भर्ती हैं। इनमें छात्रसंघ की अध्यक्ष आइशी घोष भी शामिल हैं, जिन पर कथित तौर पर आंखों के ऊपर लोहे की छड़ से हमला किया गया है।


कई सेलिब्रिटीज ने इस घटना पर ट्वीट किए हैं।

रीमा कागती : मैं विद्यार्थियों और भारत के लोगों के साथ हूं। भारत सरकार को अपनी क्रूरता और बर्बरता पर शर्म आनी चाहिए। हैशटैगजेएनयू हैशटैगजामिया हैशटैगनोटूएनआरसी हैशटैगनोटूसीएए।

महेश भट्ट : अब यहां! राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर भारत में फांसीवाद का आगमन हो चुका है। वक्त आ गया है कि हम अपने विषैले मौन को तोड़ें और एक स्वर में इसके खिलाफ आवाज उठाएं।


राजकुमार राव : हैशटैगजेएनयू में जो भी हुआ, वह शर्मनाक, भयावह और दिल तोड़ने वाला है। इन हमलों के पीछे जो भी है, उसे सजा जरूर मिलनी चाहिए। हैशटैगजेएनयूहिंसा।

मनोज बायपेयी : जेएनयू की आ रही तस्वीरें क्रूर..डरावनी..भयावह और विचलित करने वाली हैं। इसकी निंदा के लिए शब्द कम पड़ जाएंगे। किसी भी लोकतंत्र को इतनी छूट नहीं देनी चाहिए कि वे कॉलजों और विश्वविद्यालयों को असुरक्षित कर सकें, कि गुंडे कभी भी वहां घुस कर किसी को चोट पहुंचा सकें।

निम्रत कौर : हर सुबह जागने के बाद भारत को नासूर बनता देख निराश हो चुकी हूं। आगे क्या होगा? अगला कौन है? अगला कहां होगा? हालिया सभी घटनाओं से अभी उबरे नहीं हैं कि नई परेशानियां तैयार खड़ी रहती हैं। हैशटैगजामियामिलिया हैशटैगयूपी हैशटैगजेएनयू।

एक अखबार की क्लिप साझा करते हुए ट्विंकल खन्ना ने ट्वीट किया : भारत, एक ऐसा देश जहां छात्रों से अधिक गायों को सुरक्षा मिलती है। वह एक ऐसा देश भी है, जिसने डर में जीने से मना कर दिया है। आप हिंसा से लोगों को नहीं दबा सकते हैं, इससे और अधिक प्रदर्शन होंगे, अधिक हड़तालें होंगी, ज्यादा से ज्यादा लोग सड़कों पर आएंगे। यह शीर्षक सब कुछ कह रहा है।

इसी अखबार की क्लिप को साझा करते हुए तापसी पन्नू ने लिखा : यह उनके लिए है, जो इसे अनदेखा करते हैं, इसे स्वीकार करें। चलिए तब तक इंतजार करते हैं, जब तक हमारा घर नहीं जलता है।

कृति सैनन : जेएनयू में जो हुआ, उसे देख मेरा दिल टूट गया! भारत में जो भी हो रहा है, उसे देखना भयावह है!! नकाबपोश कायरों द्वारा विद्यार्थियों और शिक्षकों को पीटा जा रहा है और आतंकित किया जा रहा है। दोषारोपण का खेल लगातार जारी है! राजनीतिक एजेंडे के लिए कोई इतना नीचे कैसे जा सकता है! हिंसा से कभी समाधान नहीं हुआ है! हम इतने अमानवीय कैसे हो सकते हैं?

सोनम कपूर : घृणित, कायरतापूर्ण और चौंकाने वाला। जब आप निर्दोषों पर हमला करना चाहते हैं तो कम से कम अपना चेहरा दिखाओ।

ताहिर राज भसीन : असहमति प्रकट करने वाले विद्यार्थियों की आवाज को हिंसा से दबाने का प्रयास लोकतंत्र की हत्या है।

अनुराग बसु : विद्यार्थी कुछ कह रहे हैं, कर रहे हैं या किसी विचारधारा में विश्वास करते हैं, तो सिर्फ इसके लिए उनपर सुनियोजित तरीके से हमला? आधुनिक भारत में अपनी राय प्रकट करना कब से अपराध हो गया? अपने चेहरे छिपा लो, मगर दुनिया तुम्हें देख रही है।

अमायरा दस्तूर : तो यही अब होगा? विद्यार्थियों और छात्रों को लोहे की छड़ों से मारना। सड़क की बत्तियों को बंद करना! नकाबपोश हिंसा करने वाले अपने रास्ते में आने वाली हर चीज को नष्ट कर रहे हैं। भारत पर गुंडागिरी का राज नहीं चलेगा।

 

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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