बोर्ड परीक्षा शुल्क : छोटे बच्चों ने दी गुल्लक, अभिभावक संघ ने जुटाए 4.5 लाख रुपये

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नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (आईएएनएस)। दिल्ली के छात्रों की मदद के लिए अब अन्य छात्र, अभिभावक एवं अभिभावक संघ आगे आने लगे हैं। ऐसे छात्र जिनके माता-पिता बोर्ड परीक्षाओं की 24 सौ रुपये परीक्षा शुल्क (एग्जाम फी) भरने में सक्षम नहीं है, उनके लिए क्राउड फंडिंग की जा रही है। ऑल इंडिया पेरेंट्स एसोसिएशन की तरफ से ऐसी ही एक पहल की गई है, जिसके तहत करीब 4.50 लाख रुपये एकत्र किए गए हैं।

वहीं दूसरी ओर तीसरी, चौथी, पांचवीं में पढ़ने वाले कई छोटे बच्चों ने अपनी गुल्लक में जमा पैसे, बोर्ड परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों को भेंट कर दिए हैं।


तीसरी कक्षा में पढ़ने वाले आठ वर्षीय अधिराज ने अपनी गुल्लक के पूरे पैसे इस क्राउड फंडिंग में दे दिए। अधिराज की शुरुआत के बाद कई और छोटे बड़े बच्चे इस अभियान में शामिल हुए हैं, जिससे अभी तक कई छात्रों की एग्जाम फीस भरी जा चुकी है।

दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने ऐलान किया था कि वह 12वीं के छात्रों की सीबीएसई बोर्ड एग्जाम का रजिस्ट्रेशन फीस भरेगी। बीते वर्ष सरकार ने ऐसा किया भी, लेकिन इस साल कोरोना के कारण आई आर्थिक तंगी के बाद सरकार ने इससे हाथ पीछे खींच लिए।

दक्षिणी दिल्ली के बेगमपुर नवजीवन सर्वोदय कन्या विद्यालय की 90 छात्राएं इस बार 12वीं के परिवार की आर्थिक तंगी की समस्या अपनी एक टीचर मीनाक्षी सिंह के सामने रखी। मीनाक्षी ने अपने घर पर इसका जिक्र किया।


मीनाक्षी के बेटे अधिराज ने बिना किसी देरी अपनी छोटी सी गुल्लक अपनी मां को दे दी और कहा कि इन पैसों से फीस भर दो।

अधिराज की गुल्लक में करीब साढ़े 12 हजार रुपये थे। अधिराज द्वारा की गई इस पहल के बाद कई और लोग उनके साथ जुड़े। इस अभियान के तहत अभी तक 1.50 लाख रुपये जुटाए जा चुके हैं।

वहीं ऑल इंडिया पेरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक अग्रवाल ने कहा, “काफी संख्या में उन्हें ऐसे बच्चों की जानकारी मिली जिनके माता-पिता की नौकरी छूट गई है और वह फीस भरने में असमर्थ हैं।”

ऐसे में एसोसिएशन ने छात्रों के लिए क्राउड फंडिंग शुरू की है। अशोक अग्रवाल ने कहा, “अच्छी बात यह रही कि बड़ी संख्या में लोग मदद के लिए आ रहे हैं। मोती नगर स्कूल के प्रिंसिपल ने भी हमारी इस पहल का स्वागत किया है। 10वीं और 12वीं के लगभग 190 छात्रों की फीस अभी तक जमा की जा चुकी है। नानकपुरा के सर्वोदय सह शिक्षा उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में दसवीं और बारहवीं के छात्रों की मदद के लिए भी लोग सामने आ रहे हैं।”

–आईएएनएस

जीसीबी/एसजीके

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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