मेरठ। पिछले साल बुलंदशहर में गोहत्या के बाद हुई हिंसा में एक पुलिस निरीक्षक की हत्या के आरोप में सात लोगों को गिरफ्तार किया गया था। उनके जमानत पर छूटने के बाद उनके समर्थकों ने उनका स्वागत किसी हीरो की तरह किया। बुलंदशहर जेल से शनिवार रात को जैसे ही वे बाहर आए, सातों आरोपियों को माला पहनाई गई और ‘भारत माता की जय’ और ‘वंदे मातरम’ के नारे लगाए गए।
इसके बाद उनके समर्थकों ने सातों के ‘सम्मान’ के लिए एक ‘स्वागत पार्टी’ का आयोजन किया। मामला प्रकाश में उस वक्त आया जब रविवार रात को पार्टी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के सदस्य शिखर अग्रवाल और सेना का जवान जितेंद्र मलिक उन सात आरोपियों में से एक है, जिन्हें जमानत मिली है।
Seven accused in Bulandshahr violence, where an inspector was killed by a mob last year, were released on bail recently. The accused including one of the key conspirators Shikhar Agarwal got hero’s welcome amid sloganeering of “Jai Shree Ram” and “Vande Mataram”. pic.twitter.com/iAA122cdU5
— Piyush Rai (@Benarasiyaa) August 25, 2019
बुलंदशहर के सियाणा के महाव गांव के पास एक गन्ने के खेत में एक गाय का शव मिलने के बाद 3 दिसंबर को हुई हिंसा के एक मामले में वे सात लोग आरोपी हैं। सियाणा के एसएचओ सुबोध कुमार सिंह और स्थानीय युवक सुमित कुमार इस हिंसा में मारे गए थे।
बुलंदशहर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार सिंह ने कहा, “कुल 10 लोगों को जमानत मिली है, जिनमें से सात को रिहा कर दिया गया। जिन आरोपियों को जमानत मिली है वह सभी हत्या के आरोपी नहीं थे। उन पर दंगों को लेकर मामला दर्ज किया गया था। हत्या के आरोपी किसी को भी जमानत नहीं दी गई है।”
बुलंदशहर : पुलिस फायरिंग में बेटे को गंवाने वाले को चुनाव में कोई रुचि नहीं
सेना की 22 राष्ट्रीय राइफल्स का जवान जितेंद्र मलिक जम्मू एवं कश्मीर के सोपोर में तैनात था। उसे उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (यूपी एसटीएफ) ने 9 दिसंबर को इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या के सिलसिले में गिरफ्तार किया था, लेकिन चार्जशीट में उसे हत्या का आरोपी नहीं बनाया गया।
मलिक के वकील संजय शर्मा ने कहा, “राहत देने के लिए हमने हाईकोर्ट का रुख किया, जिसके बाद सात आरोपियों को जमानत मिल गई। जितेंद्र मलिक ने अपनी रिहाई के बाद मेरठ के बाबूगढ़ इलाके में स्थित सेना कार्यालय को भी सूचित किया।”