बुंदेलखंड : सीएए, एनआरसी विरोधी प्रदर्शनों के मद्देनजर पुलिस गश्त तेज

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 बांदा/हमीरपुर/महोबा/चित्रकूट, 21 दिसंबर (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश में बुंदेलखंड के बांदा, हमीरपुर, चित्रकूट और महोबा जिलों में नागरिक संशोधन अधिनियम (सीएए) व राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ प्रदर्शनों के मद्देनजर मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में शनिवार को पुलिस गश्त बढ़ा दी गई और अधिकारी साम्प्रदायिक सौहाद्र्र कायम करने की अपील कर रहे हैं।

  बांदा नगर के पुलिस उपाधीक्षक (सीओ) आलोक मिश्रा ने शनिवार को बताया, “सीएए और एनआरसी को लेकर किसी तरह का प्रदर्शन नहीं हो रहा है। मुस्लिम बाहुल्य बस्ती में पुलिस गश्त बढ़ा दी गई है और पुलिस अधीक्षक एवं अपर पुलिस अधीक्षक मुस्लिम धर्म गुरुओं के साथ बैठक कर उन्हें सीएए और एनआरसी के जरिए किसी की नागरिकता नहीं खोने का भरोसा दे रहे हैं।”


उन्होंने बताया, “शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद जामा मस्जिद के पास कुछ लोगों ने नारेबाजी की थी, इसको देखते हुए आज ज्यादा सतर्कता बरती जा रही है। सोशल मीडिया पर भी नजर बनी हुई है और ड्रोन कैमरों से भी नगर की निगरानी की जा रही है।”

हमीरपुर जिले में भी शांति है। मौदहा सीओ सौम्या पांडेय ने शनिवार को बताया, “मौदहा कस्बे में शुक्रवार को नमाज के बाद कुछ मुस्लिम समुदाय के लोगों ने जुलूस निकालने की कोशिश की थी, जिसमें पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा था। उसी को देखते हुए शनिवार को ज्यादा सावधानी बरती जा रही है। मुस्लिम धर्म गुरुओं से लगातार संपर्क बना हुआ है और आज किसी प्रकार का प्रदर्शन नहीं हो रहा है। सभी दुकानें खुली हैं और लोग आराम से आवाजाही कर रहे हैं।”

इसी प्रकार चित्रकूट जिले के कर्वी नगर सीओ रजनीश यादव ने बताया, “यहां एकदम शांति है, फिर भी सुरक्षा-व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। सोशल मीडिया की निगरानी के लिए सेल का गठन किया गया है। लोगों से लगातार शांति बनाए रखने की अपील की जा रही है।”


महोबा जिले के पुलिस अधीक्षक मणिलाल पाटीदार ने बताया, “नागरिक संशोधन अधिनियम या राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर को लेकर यहां कोई विरोध प्रदर्शन नहीं हो रहा।”

उन्होंने बताया, “शुक्रवार को सोशल मीडिया में एक आपत्तिजनक पोस्ट को लेकर पूर्व पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) वजीह अहमद के खिलाफ धारा-195 ए और 67 आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था, जिसकी पुलिस जांच कर रही है।”

इस मामले में आरोपी बनाए गए पूर्व डीआईजी अहमद ने शनिवार को कहा कि “यह पोस्ट उनके मोबाइल में कहीं से आई थी, बच्चों ने खेल-खेल में उसे फारवर्ड कर दिया था। मैंने कोई पोस्ट नहीं डाली।”

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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