नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग में जारी आंदोलन लगातार चर्चा में है। साथ ही साथ यह आंदोलन काफी रचनात्मक तरीके से चल रहा है। रविवार 12 जनवरी को शाहीन बाग के धरना स्थल पर सारे धर्मों की पवित्र ग्रंथों का पाठ किया जाएगा।
शाहीन बाग आंदोलन से जुड़े एक प्रदर्शनकारी ने बताया, “हमारा यह आंदोलन भारतीय संविधान के मूल सिद्धांतों की रक्षा के लिए है। यह जगह अब देश के लोगों की एकजुटता के जश्न की जगह बन गई है। इसी समझ के साथ हमने रविवार 12 जनवरी को भारत के प्रमुख धर्मो हिंदू, इस्लाम, सिख और ईसाई धर्म के पवित्र ग्रंथों के पाठ का फैसला लिया है। एक ऐसे वक्त में जब देश की साझी विरासत पर सत्ता की ओर से हमले हो रहे हैं, लोगों को बांटने की कोशिश की जा रही है, तब इस तरह की पहलकदमी जरूरी हो जाती है। शाहीन बाग के लोग शांतिपूर्ण सहअस्तित्व का संदेश देना चाहते हैं।”
गौरतलब है कि शाहीन बाग में बीते 15 दिसंबर से नागरिकता कानून के खिलाफ धरना प्रदर्शन जारी है। जिसमें बड़ी संख्या में महिलाओं की भागेदारी है। महिलाओं ने आवाज बुलंद कर रखी है कि जब तक सीएए वापस नहीं होगा तब तक सड़क से नहीं उठेंगे।