इरादा था संसद पहुंचने का, पहुंच गए जेल, बिहार में फिर खुली शराबबंदी की पोल

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बिहार में अप्रैल 2016 से पूर्ण शराबबंदी कानून लागू है। इसके तहत न सिर्फ सार्वजनिक स्थलों पर शराब पीने को लेकर पाबंदी है, बल्कि पीकर टल्ली होने पर भी सजा मिलती है। लेकिन लगता है बिहार में किसी को नियम-कानून और प्रशासन का डर नहीं है। हाल ही में लोकसभा चुनाव नामांकन प्रक्रिया के दौरान बिहार के पूर्णिया में एक संभावित प्रत्याशी इन कायदों को ताक पर रखकर शराब के नशे में धुत नामांकन पर्चा भरने पहुंच गए। नाही उन्हें निर्वाचन आयोग के बनाए गए नियम-कायदों की परवाह थी और नाही बिहार प्रशासन की।

क्या है पूरा मामला

दरअसल भागलपुर जिले के नवगछिया अनुमंडल के अंतर्गत नागरह गांव निवासी राजीव कुमार सिंह निर्दलीय पत्याशी के तौर पर अपना नामांकन दाखिल करने पूर्णिया समाहरणालय (कलेक्ट्रेट) सभागार पहुंचे थे। नामांकन प्रक्रिया पूरी करने के लिए बने हेल्पडेस्क के पास जैसे ही राजीव अपने प्रस्तावकों के साथ पहुंचे, वहां बैठे कर्मचारियों को उनके मुंह से शराब की दुर्गंध आने लगी। चुनाव कार्य में लगे कर्मचारी राजीव सिंह की इस हरकत से हैरान रह गए और उन्होंने फौरन इसकी जानकारी सदर अनुमंडल अधिकारी सहित अन्य अधिकारियों को दे दी।


मामले की जाँच के बाद न्यायिक हिरासत

नामांकन प्रक्रिया पूरी होने के बाद रिटर्निंग ऑफिसर ने राजीव सिंह को अपने कक्ष में बिठा लिया और पुलिस को भी सूचना दे दी। साथ ही सूचना निर्वाचन आयोग से नियुक्त चुनाव प्रेक्षक एम. शैलवेन्द्रन को भी दे दी गई, तो वे भी समाहरणालय पहुंच गए। प्रेक्षक के पहुंचने के बाद जब शाम पांच बजे सभी उम्मीदवारों के नामांकन प्रक्रिया पूरी हो जाने पर सिंह को जांच के लिए समाहरणालय सभाकक्ष ले जाया गया। कलेक्ट्रेट सभागार से ले जाए जाने के बाद राजीव कुमार सिंह की बाकायदा जांच कराई गई। मशीन से जांच हुई तो उनके शरीर में 117.6 एमएल शराब होने की पुष्टि हो गई। अब जब इस संभावित प्रत्याशी के पीये होने की जानकारी सबको पता चल गई तो उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।

आपको बता दें कि चुनाव के समय तो निर्वाचन आयोग के कायदे भी बड़े सख्त हो जाते हैं। इसके बावजूद राजीव सिंह ने ऐसी हरकत की, जाहिर है उनके अंदर किसी कानून का खौफ नहीं है।


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