दिल्ली के शिक्षण संस्थान में फेक डिग्री के बूते हासिल की नौकरी, सत्यापन जांच में हुई पुष्टि

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Case of getting job on fake degree in Delhi's educational institute exposed

बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसम्पर्क विभाग से जुड़ा फ़र्जी डिग्री का एक मामला उजागर हुआ है। दरअसल दिल्ली के एक निजी शिक्षण संस्थान में कार्यरत महिला शिक्षक के प्रपत्रों की सत्यापन प्रक्रिया के दौरान पूरे मामले से पर्दा उठ गया। इस मामले के सुर्खियों में छाने के बाद विश्वविद्यालय की कार्य प्रक्रिया पर एक बार फिर से सवाल उठने लगे है।

पिछले दिनों हरियाणा पुलिस ने दिल्ली कैण्ट से आम आदमी पार्टी के विधायक सुरिन्दर सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया था। आप विधायक ने कथित तौर पर स्नातक की फर्जी डिग्री के आधार पर सरकारी शिक्षक की नौकरी हासिल की थी। वहीं, उत्तर प्रदेश के शाहजहाँपुर और बरेली में भी ऐसे ही फर्जी डिग्री के जरिए नौकरी पाने वालों के विरुद्ध 48 प्राथमिकी दर्ज की गई थीं।


इसी की तर्ज पर एक मामला बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय से प्रकाश में आया है, जिसमें दिल्ली के एक निजी शिक्षण संस्थान में महिला ने बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय की पीएचडी की डिग्री तैयार कर नौकरी हासिल की। डिग्री में शिक्षिका ने 25 जून को गाइड कौशल त्रिपाठी के मार्गदर्शन में डिग्री पूरी करने का दावा किया है।

शिक्षण संस्थान द्वारा जब शिक्षिका के दस्तावेजों का सत्यापन किया गया, तो मालूम हुआ कि शिक्षिका द्वारा जमा कराई गई डिग्री फर्जी है। 8 जुलाई को दिल्ली के टेक्निया इंस्टिट्यूट के निदेशक ने विश्वविद्यालय को एक पत्र लिखा था। पत्र में उनके संस्थान में शिक्षिका के पद पर तैनात हनी शाह द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों के बारे में जानकारी मांगी गई थी।

विश्वविद्यालय ने डिग्री के सही होने के दावे को सिरे से खारिज कर दिया है। बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के कुल सचिव नारायण प्रसाद इस बाबत जानकारी देते हुक कहा कि उनके पास दिल्ली के एक संस्थान से ई-मेल आया है। दो दिन के अवकाश के बाद उक्त मामले में जाँच कराई जाएगी।


पीएचडी की डिग्री में जिस गाइड का जिक्र किया गया है उनका कहना है कि उनके सुपरवि़जन में अभी तक किसी भी छात्र ने पीएचडी की डिग्री नहीं ली है। दिल्ली स्थित संस्थान के निदेशक से मेरी बात हो चुकी है। इसके अलावा विश्वविद्यालय प्रबन्धन को भी इस मामले में उचित कदम उठाने की माँग की जा चुकी है।

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