CBSE ने पाठ्यक्रम से हटाए लोकतांत्रिक अधिकार, नागरिकता, धर्मनिरपेक्षता और संघवाद जैसे चैप्टर, जानिए किस क्लास में कितने सिलेबस की हुई कटौती

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CBSE ने पाठ्यक्रम से हटाए लोकतांत्रिक अधिकार, नागरिकता, धर्मनिरपेक्षता और संघवाद जैसे चैप्टर, जानिए किस क्लास में कितने सिलेबस की हुई कटौती

CBSE Syllabus 2020-21: कोरोना महामारी (Coronavirus Pandemic) के चलते बंद हुए स्कूलों में क्लासरूम की पढ़ाई काफी प्रभावित हुई है। इसे देखते हुए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (Central Board of Secondary Education) ने कक्षा 9वीं से 12वीं तक के पाठ्यक्रम में एक तिहाई तक कटौती करने का निर्णय लिया है। पाठ्यक्रम में कटौती के बाद सीबीएसई कक्षा 9 की किताब से लोकतांत्रिक अधिकार का चैप्टर हटा दिया गया है। इसके अलावा धर्मनिरपेक्षता और राष्ट्रवाद जैसे कई अध्यायों को मौजूदा शैक्षणिक वर्ष के लिए पाठ्यक्रम से हटा दिया गया है।

बता दें कि मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने मंगलवार को एक ट्वीट में लिखा था, ‘लर्निंग अचीवमेंट की जरूरत को ध्यान में रखते हुए सिलेबस को 30 फीसदी कम करने का फैसला लिया गया है।’ उन्होंने कहा कि कोर कॉन्सेप्टस को इस सिलेबस में रखा गया है।


पूरी तरह हटाए गए ये चैप्टर

पाठ्यक्रम में सीबीएसई द्वारा की गई इस कटौती के बाद 11वीं कक्षा के राजनीति शास्त्र में पढ़ाए जाने वाले संघीय ढांचा, राज्य सरकार, नागरिकता, राष्ट्रवाद और धर्मनिरपेक्षता जैसे अहम अध्याय नहीं होंगे। सीबीएसई ने इन सभी अध्यायों को मौजूदा एक वर्ष के लिए सिलेबस से हटा दिया है।

इसके साथ इतिहास के स्टूडेंट्स किसान, जमींदार और राज्य, बंटवारे, विभाजन और देश में विद्रोह पर सेक्शन- द बॉम्बे डेक्कन और द डेक्कन रायट्स कमिशन, जो कि साहूकारों के खिलाफ किसानों के आंदोलन पर आधारित हैं, ये सभी चैप्टर नहीं पढ़ पाएंगे। कार्यस्थल पर भारतीय संविधान के तहत आने वाले फेडरलिज्म जैसे टॉपिक, स्थानीय सरकारों की जरूरत, भारत में स्थानीय सरकार का विकास जैसे अध्यायों को भी 11वीं कक्षा के राजनीति विज्ञान के विषय से हटा दिया गया है। वहीं 11वीं के अंग्रेजी के स्टूडेंट्स के पाठ्यक्रम में से ‘एडिटर को लेटर लिखें, और नौकरी के लिए रिज्यूम के साथ अप्लाई करें’ जैसी चीजों को हटा दिया गया है।

वहीं सीबीएसई द्वारा पाठ्यक्रम में की गई कटौती से 12वीं कक्षा के छात्रों को अब इस मौजूदा वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था का बदलता स्वरूप, सरकारीकरण, उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण के विशेष संदर्भ के साथ व्यापार, नीति आयोग, जीएसटी, भारत के अपने पड़ोसी देशों के साथ संबंध जैसे विषय नहीं पढ़ाए जाएंगे। घटाया गया पाठ्यक्रम बोर्ड परीक्षाओं और आतंरिक मूल्यांकन के लिए निर्धारित विषयों का हिस्सा नहीं होगा।


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कक्षा 10 के छात्रों के लिए, ‘समकालीन भारत में वनों और वन्य जीवन पर सामाजिक विज्ञान के चैप्टर को हटा दिया गया है, साथ ही लोकतंत्र और विविधता पर अध्याय, लिंग, धर्म और जाति, लोकप्रिय संघर्ष और आंदोलन, और लोकतंत्र के लिए चुनौतियां, आदि’ चैप्टर्स को भी पाठ्यक्रम में से हटा दिया गया है।

10वीं के विज्ञान के पाठ्यक्रम से मानव आंख के अध्याय को, विकास की बुनियादी अवधारणाओं के साथ हटा दिया गया है। इसके अलावा कई प्रेक्टिकल एक्सपेरिमेंट्स को भी इस वजह से हटा दिया गया है क्योंकि स्टूडेंट्स को इस शैषणिक वर्ष में लैब में अधिक वक्त नहीं मिल पाएगा।

वहीं कक्षा 9 में सामाजिक विज्ञान की किताब से हटाये गए पांच अध्यायों में से एक लोकतांत्रिक अधिकार भी है। बोर्ड का कहना है कि इस चैप्टर को पूरी तरह से हटा दिया गया है।

दरअसल, कोरोना महामारी के कारण इस वर्ष स्कूलों के कार्य दिवस काफी कम हो गए हैं। अगस्त माह तक स्कूल खुलने की संभावना बेहद कम है। इसी के चलते क्लासरूम में स्टूडेंट्स को पढ़ाने के लिए पर्याप्त वक्त न होने के कारण 9वीं से 12वीं क्लास के स्टूडेंट्स के पाठ्यक्रम को सीबीएसई (CBSE) द्वारा 30 प्रतिशत तक घटा दिया गया है।

हालांकि, सीबीएसई द्वारा स्कूल के प्रिंसिपल और टीचर्स को सलाह दी गई है कि जिन टॉपिक्स को पाठ्यक्रम से हटाया गया है, उन्हें भी स्टूडेंट्स को एक बार पढ़ाया जाए। लेकिन एक बयान के मुताबिक, ‘हटाया गया पाठ्यक्रम इंटरनल असेसमेंट और बोर्ड की परीक्षाओं का हिस्सा नहीं होगा।’

आप यहां क्लिक कर क्लास 9वीं से 12वीं तक के स्टूडेंट्स के हटाए गए पाठ्यक्रम को देख सकते हैं।


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