बैंकिंग सेक्टर में जान डालने की कोशिश: बैंकों में सरकार डालेगी 55,250 करोड़ रुपये

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बैंकिंग सेक्टर में जान डालने की कोशिश: बैंकों में सरकार डालेगी 55,250 करोड़ रुपये

नई दिल्ली | सरकार ने शुक्रवार को घोषणा की कि वह सरकारी बैंकों में 55,250 करोड़ रुपये डालेगी, ताकि कर्ज देने को बढ़ावा दिया जा सके और विलय किए जाने वाले कर्जदाताओं का विनियामक अनुपाल सुनिश्चित की जा सके।

इससे पहले सरकार ने 10 सरकारी बैंकों का विलय कर चार बड़े बैंक बनाने की घोषणा की थी। इसके तहत पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी), ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और युनाइटेड बैंक को मिलाकर देश के दूसरे सबसे बड़े सरकारी बैंक का गठन किया जाएगा। वहीं, केनरा बैंक और सिंडीकेट बैंक को मिलाकर चौथे सबसे बड़े सरकारी बैंक का गठन किया जाएगा।


वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के मुताबिक, कैपिटल इनफ्यूजन प्लान के तहत पंजाब नेशनल बैंक को 16,000 करोड़ रुपये, यूनियन बैंक को 11,700 करोड़ रुपये, केनरा बैंक को 6,500 करोड़ रुपये, इंडियन ओवरसीज बैंक को 3,800 करोड़ रुपये, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया को 3,300 करोड़ रुपये, बैंक ऑफ बड़ौदा को 7,000 करोड़ रुपये, इंडियन बैंक को 2,500 करोड़ रुपये, यूको बैंक को 2,100 करोड़ रुपये, पंजाब एंड सिंध बैंक को 750 करोड़ रुपये और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया को 1,600 करोड़ रुपये दिए जाएंगे।

शुक्रवार को जिन बैंकों के विलय की घोषणा की गई, उसमें बैंक ऑफ बड़ौदा शामिल नहीं था। लेकिन उसमें भी कैपिटल इनफ्यूजन की घोषणा की गई है।

वित्त मंत्रालय ने पिछले वित्त वर्ष में बैंकों के पुर्नपूंजीकरण के लिए 1.06 करोड़ रुपये दिए थे, जबकि इसके लिए बजटीय लक्ष्य 65,000 करोड़ रुपये रखा गया था। सीतारमण ने यह भी कहा कि सरकारी बैंकों द्वारा फंसे हुए कर्जो की भी रिकार्ड रिकवरी की गई है, जो 1.21 लाख करोड़ रुपये रहा।


वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि आठ पीएसबी (सरकारी बैंकों) ने रेपो-लिंक्ड घर/वाहन/रेहन/कैश-क्रेडिट कर्ज देने शुरू किए हैं।

-आईएएनएस


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(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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