पुण्यतिथि विशेष: खेती-किसानी को राजनीति के केंद्र में लाने वाले पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह

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देश के पांचवे प्रधानमंत्री और किसानों के मसीहा कहे जाने वाले स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह की आज पुण्यतिथि है। वह भारत के महान नेताओं में से एक थे, जिन्होंने किसानों के लिए आवाज बुलंद की। वह किसानों के नेता और राजनीति के असली चौधरी थे।

चौधरी चरण सिंह का जन्म 23 दिसंबर 1902 को गाजियाबाद जिले के नूरपुर गांव में एक जाट परिवार में हुआ था। चरण सिंह के जन्म के 6 साल बाद उनके पिता चौधरी मीर सिंह सह परिवार जानी खुर्द गांव आकर बस गए थे। गरीबी के बावजूद उन्होंने पढ़ाई को पहला दर्जा दिया। आगरा विश्वविद्यालय से लॉ की पढ़ाई करने के बाद चरण सिंह ने वर्ष 1928 में गाजियाबाद में वकालत शुरू की। चरण सिंह को नैतिक मूल्य अपने पिता से विरासत में मिले थे। वह राजनीति में स्वतंत्रता आंदोलन के समय आए और आगे चलकर देश के प्रधानमंत्री बने। उनकी इस पुण्यतिथि पर जानिए उनसे जुड़ी कुछ खास बातें।


चौधरी चरण सिंह के जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें

  • वकालत जैसे व्यावसायिक पेशे में भी चौधरी चरण सिंह उन्हीं मुकदमों को स्वीकार करते थे, जिनमें मुवक्किल का पक्ष न्यायपूर्ण होता था।
  • कृषि मंत्री के तौर पर देश में जमींदारी प्रथा को खत्म करने का श्रेय चौधरी चरण सिंह को जाता है।
  • वर्ष 1929 में कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन के ‘पूर्ण स्वराज्य’ उद्घोष से प्रभावित होकर युवा चरण सिंह ने गाजियाबाद में कांग्रेस कमेटी का गठन किया।
  • चौधरी साहब के राजनीतिक सफर की शुरुआत कांग्रेस के साथ हुई।
  • 1937 में वह छपरौली से उत्तर प्रदेश विधानसभा के विधायक लिए चुने गए।
  • चरण सिंह ने खेती-किसानी के मुद्दे को राष्ट्रीय मुद्दा बनाया और किसानों की आवाज को बुलंद किया।
  • 1939 में किसानों की कर्ज माफी के क्रांतिकारी बिल में उनकी बड़ी भूमिका थी।
  • कांग्रेस में होने के बावजूद वे नेहरू के विरोधी थे। उनकी सहकारी व्यवस्था का पुरजोर विरोध किया था।
  • किसानों के हित में उन्होंने 1954 में उत्तर प्रदेश भूमि संरक्षण कानून को पारित कराया
  • 1 अप्रैल, 1967 को चरण सिंह ने कांग्रेस से कट्टी कर ली। 1967 में उन्होंने भारतीय क्रांति दल की स्थापना की। वह 2 बार यूपी के सीएम बने ।
  • चरण सिंह ने 1977 का चुनाव जनता पार्टी के साथ लड़ा और जीत हासिल की। वह मोरारजी सरकार में वित्त मंत्री, गृह मंत्री और उप प्रधानमंत्री रहे।
  • चरण सिंह ने कांग्रेस की गद्दावर नेता इंदिरा गांधी से लोहा लिया। जब वह गृह मंत्री थे, उन्होंने इंदिरा गांधी को गिरफ़्तार कराया था।
  • 28 जुलाई 1989 में कांग्रेस के सहयोग से चरण सिंह देश के पांचवे प्रधानमंत्री बने। लेकिन बतौर प्रधानमंत्री वे एक दिन भी संसद नहीं जा पाए। कारण यह है कि महज 5 महीने और 16 दिन में ही उनकी सरकार गिर गई।
  • चरण सिंह सादा जीवन जीने के आदी थे। वह धोती और देसी लिबास पहनते थे और एक पुरानी एचएमटी घड़ी बांधते थे।
  • वह जहाज़ से यात्रा के ख़िलाफ़ थे, पीएम होने के बावजूद लखनऊ ट्रेन से जाया करते थे।
  • चरण सिंह किताबें पढ़ने के शौकीन थे, फ़िल्में उन्हें बिल्कुल पसंद नहीं थीं।
  • चौधरी चरण सिंह सांप्रदायिकता के ख़िलाफ़ थे।
  • 29 मई 1987 में देश के पहले किसान नेता चौधरी चरण सिंह का निधन हो गया था।

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