Chaitra Navratri 2019:  शुभ मुहूर्त में कलश स्थापना नहीं हो पाया, तो करें ये उपाय

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चैत्र नवरात्रि का शुभारंभ हो गया है और आज इसका पहला दिन है। माँ शक्ति की आराधना सूक्ष्मता से भी की जा सकती है। प्रतिपदा के शुभ मुहूर्त में जो लोग घट स्थापना नहीं कर पाते या किसी व्यस्तता की वजह से घट स्थापन नहीं कर पारहे हो उनके लिए हम यहाँ कुछ उपाय बता रहे हैं। साथ ही श्री दुर्गा सप्तशती के पाठ की भी सूक्ष्म प्रक्रिया बता रहे हैं।

कलश स्थापना

कलश स्थापना से माना जाता है कि इससे मनोकामना पूरी होती है। आप जलीय के साथ ही सूखे नारियल से भी स्थापना कर सकते हैं। कलश में गंगा जल के छीटें लगाकर सवा मुट्ठी पीले चावल, 3 या 5 लोंग के जोड़े, एक सुपारी,  दो हल्दी की गांठ, काले तिल, जौ, एक सिक्का रखकर प्रतिष्ठित कर सकते हैं। यह कलश 6 महीने यानी शारदीय नवरात्र तक यूँ ही रहने दें।


सुपारी और लौंग

एक सुपारी और 3 लौंग के जोड़े किसी पात्र में करके भगवती के आगे रख दें। कलश स्थापना का ही फल मिलेगा।

जलीय कलश स्थापना के साथ बहुत से प्रतिबंध होते हैं। इन पर प्रतिबंध नहीं होते।

नव संवत और ग्रह शान्ति का मंत्र


विक्रमी संवत 2076 का शुभारंभ भी कल से हो रहा है। इस वर्ष के राजा शनि देव और मंत्री सूर्य देव हैं। इसलिये पहले दिन से एक एक माला के 9 जाप कर सकते हैं..

ॐ शं शनैश्चराय नमः ॐ दुं दुर्गायै नमः

दुर्गा पाठ

ये 3 पाठों की कड़ी है। इसमें नव दुर्गा आराधना है। आप कोई से भी उपाय कर सकते हैं।

  • सिद्ध कुंजिका स्त्रोत 3 बार करने से सम्पूर्ण दुर्गा सप्तशती  का ही फल
  • देवी कवच, अर्गला, कीलक, सप्त श्लोकी दुर्गा और देवी सूक्तम। यह पांच पाठों की एक कड़ी है।
  • सप्त श्लोकी दुर्गा, अर्गला और सिद्ध कुंजिका।

विद्या और साहित्य साधकों के लिये एक मंत्र। नियम यह कि जाप स्फटिक की माला से होंगे। प्रथम दिन 3 या 5 माला। फिर एक एक। मंत्र है..ॐ ऐं ॐ

मां शक्ति आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करें। आप मां की आराधना पूरे मन से करें जिससे मां प्रसन्न हो कर अपनी कृपा दृष्टि आप पर बनाए रखें।

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