झारखंड विधानसभा चुनाव (Jharkhand Assembly Election) के नतीजे आ गए हैं। झारखंड चुनाव में बीजेपी की करारी हार झेलनी पड़ी है। पार्टी के हाथ से सत्ता फिसल गई है। खुद मुख्यमंत्री रघुबर दास अपने राजनीतिक जीवन में पहली बार चुनाव हार गए हैं। बीजेपी के बागी सरयू राय ने उन्हें धूल चटा दिया है। रघुवर दास के अलावा बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुआ (Laxman Giluwa) भी चक्रधरपुर (Chakradharpur) से चुनाव हार गए हैं। जेएमएम के सुखराम उरांव ने बीजेपी के लक्ष्मण गिलुवा को करीब 13000 वोटों के अंतर से हरा दिया है।
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुआ को एक साल में दोबारा हार का सामना करना पड़ा है। 2019 के लोकसभा चुनाव में भी गिलुआ हारे थे और अब विधानसभा चुनाव में भी चक्रधरपुर से उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा है। बता दें कि लोकसभा चुनाव में गिलुआ को सिंहभूम सीट से कांग्रेस की मधु कोड़ा ने तकरीबन 70 हजार वोटों से हराया था।
चक्रधरपुर सीट लंबे समय से झारखंड की राजनीति में हाईप्रोफाइल सीट रही है। अनुसूचित जाति और अुसूचित जनजाति के प्रभाव वाली इस सीट पर बारी-बारी से बीजेपी औ झामुमो का कब्जा रहा है। इस बार बीजेपी-आजसू का गठबंधन टूटना लक्ष्मण गिलुआ को भारी पड़ गया। चक्रधरपुर सीट पर आजसू के प्रत्याशी रामलाल मुंडा को 16 हजार से ज्यादा वोट मिले। जबकि गिलुआ 13 हजार वोटों के अंतर से हार गए हैं। चक्रधरपुर सीट पर दूसरे चरण में वोटिंग हुई थी। करीब 65.61 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था।
गौरतलब है कि झारखंड विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की बड़ी जीत हुई है। कांग्रेस और आरजेडी के साथ महागठबंधन में शामिल झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता हेमंत सोरेन एक बार फिर झारखंड के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं। कांग्रेस के आला नेताओं को भी इस जीत से संजीवनी मिल गई है। पार्टी को बड़ा फायदा होता दिख रहा है। 2014 के चुनाव में जहां कांग्रेस को बड़ा नुकसान हुआ था, वहीं इस बार कांग्रेस कई सालों बाद डबल डिजिट में नजर आ रही है।