Chandra Grahan 2020: आज का Penumbral चंद्र ग्रहण क्यों है खास , जानें Lunar Eclipse जुड़ी अहम बातें

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Know how different Penumbral eclipse from other eclipse

Chandra Grahan 2020/ Lunar Eclipse : 5 जून को साल का दूसरा चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। इस बार का ग्रहण सामान्य रूप से लगने वाले चंद्र ग्रहण से बिलकुल ही अलग है। ज्योतिष शास्त्र में चंद्र ग्रहण को एक अशुभ घटना मानी जाती है। 5 जून को चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan) की यह भौगोलिक घटना घटने वाली है।

साल 2020 का यह दूसरा चंद्र ग्रहण पेनिमब्रल (Penumbral Lunar Eclipse) यानी उपछाया चंद्र ग्रहण होगा। ये चंद्र ग्रहण ऐसी स्थिति में बनता है, जब चंद्रमा पर पृथ्वी की छाया न पड़ कर केवल उसकी उपछाया पड़ती है। इस दौरान चंद्रमा पर एक धुंधली सी छाया नजर आती है।


यह ग्रहण मध्य रात्रि 11 बजकर 16 मिनट से आरंभ हो जाएगा और रात 2 बजकर 34 मिनट पर यह ग्रहण समाप्त होगा। इस ग्रहण को पूरे भारत में देखा जा सकेगा।

Lunar Eclipse 2020: चंद्र ग्रहण का किस राशि के जातकों पर क्या होगा असर…

इस ग्रहण के दौरान चंद्रमा के आकार में कोई परिवर्तन नहीं दिखेगा। चंद्रमा अपने पूर्ण आकार में आसमान में गोचर करते आएंगे। इस ग्रहण के दौरान चंद्रमा वृश्चिक राशि में होंगे।

चंद्र ग्रहण और उपछाया चंद्र ग्रहण में कितना अंतर

चंद्र ग्रहण के होने से पहले चंद्रमा पृथ्वी की उपछाया में प्रवेश करती है जिसे चंद्र मालिन्य कहते हैं। इसके बाद वह पृथ्वी की वास्तविक छाया भूभा (Umbra) में प्रवेश करती है। जब ऐसा होता है तब वास्तविक ग्रहण होता है।


कई बार चंद्रमा उपछाया में प्रवेश करके उपछाया शंकु से ही बाहर निकल कर आ जाता है और भूभा में प्रवेश नहीं करता है। जब इस तरह की स्थिति होती है तो उसे चंद्र ग्रहण की बजाय उपछाया चंद्र ग्रहण कहा जाता है। ऐसे में चंद्रमा का बिंब केवल धुंधला पड़ता है, काला नहीं होता है। ऐसे में चंद्रमा की आभा थोड़ी मलीन हो जाती है।

उपछाया चंद्र ग्रहण में क्या करें और क्या नहीं

चंद्र मालिन्य मात्र होने की वजह से इसे उपछाया चंद्र ग्रहण कहते हैं ना कि चंद्र ग्रहण। इस दौरान आप चंद का दीदार भी कर सकते हैं और चांदनी रात में चांद को देखते हुए खा-पी भी सकते हैं। ग्रहण के दौरान कोई धर्मसंगत पाबंदी भी नही रहेगी।

उपछाया चंद्र ग्रहण को शास्‍त्रों में वास्‍तव‍िक चंद्र ग्रहण से अलग माना गया है। इसी वजह से इस ग्रहण के न‍ियम भी अलग होते हैं। इस ग्रहण में न तो सूतक माना जाता है और न ही किसी तरह के पूजा-पाठ की कोई मनाही है। इसके अलावा उपछाया चंद्र ग्रहण के दौरान जागने की भी पांबदी नहीं है।

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