‘चीन और भारत : एक दूसरे से क्या सीख सकते हैं’ विषय पर विचार-विमर्श

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 बीजिंग, 29 सितम्बर (आईएएनएस)| चीन-भारत युवा संवाद (चाइना-इंडिया यूथ टॉक) के तत्वावधान में शनिवार को आयोजित हुआ जिसमें चीन और भारत से आए 8 श्रेष्ठ युवा प्रतिनिधियों ने ‘चीन और भारत : एक दूसरे से क्या सीख सकते हैं’ विषय पर विचार-विमर्श किया।

  चाइना मीडिया ग्रुप के अधीन चाइना प्लस और हिन्दी विभाग के संयुक्त तत्वावधान में चीन-भारत युवा संवाद (चाइना-इंडिया यूथ टॉक) 28 सितंबर को पेइचिंग में आयोजित हुआ।


भारत स्थित चीनी राजदूत सुन वेइतुंग ने खास तौर पर बधाई के लिए वीडियो संदेश भेजा। उन्होंने कहा कि चीन-भारत संबंध स्थिर रूप से विकसित हो रहा है। बेहतरीन द्विपक्षीय संबंध ने दोनों देशों के युवाओं के लिए ज्यादा विशाल आदान-प्रदान का मंच मुहैया करवाया है। आज के युवा जीवन शक्ति, काल्पनिक शक्ति और सृजनात्मक शक्ति से ओतप्रोत हैं। चीनी और भारतीय युवाओं के बीच संवाद से दोनों महान देशों की मैत्री और आपसी समझ बढ़ेगी।

चीन स्थित भारतीय दूतावास के राजनीति और सूचना काउंसलर प्रसन्ना श्रीवास्तव ने युवा प्रतिनिधियों के संवाद का आकलन किया और कहा कि युवाओं के विचार बहुत रचनात्मक हैं, दोनों देशों के युवाओं के संवाद में कई विषयों ने उन पर गहरी छाप छोड़ी।

उन्होंने कहा कि चीन और भारत नजदीकी पड़ोसी देश हैं, जिनकी कुल जनसंख्या 2.5 अरब से अधिक है। लेकिन दोनों देशों के बीच हर साल एक दूसरे की यात्रा करने वालों की संख्या एक लाख से कम है। साल 2016 से ही दोनों सरकारों ने चीन और भारत के युवा प्रतिनिधिमंडल के बीच आदान-प्रदान परियोजना शुरू की। अब तक कुल 3500 चीनी और भारतीय युवा एक दूसरे देशों की यात्रा कर चुके हैं। उन्हें लगता है कि चीनी और भारतीय युवाओं के बीच संवाद वाली गतिविधि के आयोजन दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण ही नहीं, समयोचित भी हैं।


मौजूदा गतिविधि में भाग लेने वाले आठ चीनी और भारतीय युवाओं के पास एक दूसरे देश के बारे में बहुत अनुभव हैं। इनमें भारत में उद्यमिता करने वाले चीनी युवा, चीन में पढ़ाई करने वाले भारतीय युवा, चीन-भारत संबंध के अनुसंधान करने वाले युवा विद्वान और भारत में चीनी पूंजी वाले निगम के कर्मचारी आदि शामिल हैं। उन्होंने दर्शकों के साथ एक देशों में अर्जित अनुभवों को साझा किया। इसके साथ ही उन्होंने चीन और भारत के सामने मौजूद समान चुनौतियां, विकास की श्रेष्ठता, एक दूसरे से कैसे और क्या सीखा जाए, सहयोग को मजबूत कर समान विकास कैसा किया जाए आदि विषयों पर विचार-विमर्श किया।

चीनी बैंक की मुंबई शाखा के युवा कर्मचारी लिन शंग ने कहा कि चीन और भारत के सामने असंतुलित आर्थिक विकास जैसी समस्याएं मौजूद हैं। पेइचिंग, शांगहाई, मुंबई और दिल्ली जैसे तेज गति विकास वाले बड़े शहर होने के साथ-साथ तीसरे स्तरीय शहर और अविकसित क्षेत्र भी मौजूद हैं। इन क्षेत्रों को अपना विकास मजबूत करना चाहिए। वहीं, न्यूयार्क विश्वविद्यालय से आए भारतीय युवा विद्वान प्रसून शर्मा ने कहा कि भारत-चीन संबंध में विपरीत के बजाए जुड़ाव होना चाहिए। दोनों देशों के हाथ मिलाने से एशिया का युग बनाया जा सकेगा।

चीनी और विदेशी युवा संवाद चाइना मीडिया ग्रुप के अधीन चाइना प्लस विभाग द्वारा आयोजित वार्षिक ब्रांड वाली गतिविधि है, जो क्रमश: पेइचिंग, शांगहाई, न्यूयार्क और केप टाउन आदि शहरों में आयोजित किया जा चुका है।

(साभार-चाइना रेडियो इंटरनेशनल, पेइचिंग)

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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