आखिरकार माना चीन- गलवान घाटी में भारतीय जवानों के साथ संघर्ष में गंवाए ’20 से कम’ सैनिक

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आखिरकार माना चीन- गलवान घाटी में भारतीय जवानों के साथ संघर्ष में गंवाए '20 से कम' सैनिक

India  China Standoff: चीन ने सोमवार को पहली बार स्वीकार किया कि उसने पिछले हफ्ते लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास हुई हिंसक झड़प में 20 से कम सैनिक गंवाए हैं। भारतीय मीडिया द्वारा एक दिन पहले ही बताया गया था कि भारत ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) को 16 चीनी सैनिकों के शव सौंपे थे। झड़प के बाद नई दिल्ली ने कई दिनों पहले ही आधिकारिक तौर पर घोषणा कर दी थी कि लद्दाख की गलवान घाटी में PLA के साथ संघर्ष में उसके 20 जवान शहीद हुए हैं, वहीं बीजिंग अपने हताहतों के बारे में अभी तक चुप्पी साधे हुए था।

बीजिंग में चीनी कम्युनिटी पार्टी के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने सोमवार को चीनी विशेषज्ञों के हवाले से कहा कि चीन हताहतों कि संख्या इसलिए नहीं बताना चाहता, क्योंकि वह नहीं चाहता कि सीमा पर संघर्ष बढ़े। ग्लोबल टाइम्स ने कहा कि हमारे हताहतों कि संख्या 20 से कम है. अगर सही संख्या बता दी तो भारत सरकार फिर से दबाव में आ जाएगी।


ग्लोबल टाइम्स ने चीनी विश्लेषकों और पर्यवेक्षकों के हवाले से दावा किया है कि भारतीय अधिकारी राष्ट्रवादियों को संतुष्ट करने के लिए चीन के हताहतों का अनुमान बढ़ा चढ़ा कर बता रहे हैं। ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट में केंद्रीय मंत्री और पूर्व सेना प्रमुख जनरल वी. के. सिंह के उस बयान का उल्लेख किया गया, जिसमें उन्होंने शनिवार को दावा किया था कि गलवान घाटी में गतिरोध में मारे गए PLA सैनिकों की संख्या 40 से अधिक थी।

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बीजिंग में विश्लेषकों ने भारत को धमकी देते हुए यह भी कहा कि अगर नए सिरे से फिर युद्ध होता है तो चीन के साथ 1962 के सीमा विवाद के बाद भारत और अधिक अपमानित होगा, यदि वह घर में चीन विरोधी भावना को नियंत्रित नहीं कर सकता है। चीनी पर्यवेक्षकों ने कहा कि मोदी राष्ट्रवादियों और कट्टरपंथियों से बातचीत करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन वह समझते हैं कि उनका देश चीन के साथ और संघर्ष नहीं कर सकता है। इसलिए वह तनाव को शांत करने का प्रयास कर रहे हैं।

45 साल के बाद PLA के साथ झड़प में भारतीय सैनिक की मौत

बता दें कि बीते 15 जून को दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुआ ख़ूनी संघर्ष नाथू ला में 1967 में हुई उस झड़प के बाद सबसे बड़ा संघर्ष है जिसमें चीन के 300 से अधिक सैनिक मारे गए थे और भारत के लगभग 80 जवान शहीद हो गए थे। इसके बाद 1975 में चीन की सेना के साथ हिंसक झड़प में भारतीय सैनिक की जान गई थी। साल 1975 में अरुणाचल प्रदेश के तुलुंग ला में दोनों देशों के बीच अस्थाई सीमा के पास घात लगाकर किए गए हमले में चार भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे।


पूर्वी लद्दाख के इलाकों में भारत और चीन के बीच  विवाद

भारत और चीन की सेना के बीच पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग सो, गलवान घाटी, डेमचोक और दौलत बेग ओल्डी में गतिरोध चल रहा है। काफी संख्या में चीनी सैनिक अस्थायी सीमा के अंदर भारतीय क्षेत्र में पैंगोंग सो सहित कई इलाकों में घुस आए हैं। भारतीय सेना ने चीनी सैनिकों के घुसपैठ पर सख्त आपत्ति दर्ज कराई है और क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए उनकी तुरंत वापसी की मांग की है। गतिरोध दूर करने के लिए दोनों पक्षों के बीच पिछले कुछ दिनों में कई वार्ताएं हुई हैं। भारत और चीन का सीमा विवाद 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा को लेकर है। चीन, तिब्बत के दक्षिणी हिस्से के रूप में अरुणाचल प्रदेश पर दावा करता है जबकि भारत इसे अपना अभिन्न अंग बताता है।

(इनपुट: आईएएनएस से भी)


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