चीन का कबूलनामा- गलवान घाटी में मारे गए थे उसके 4 जवान,जारी किए सैनिकों के नाम

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नई दिल्ली. चीन ने पहली बार माना है कि पिछले साल गलवान में हुई हिंसक (Violent occurred in Galvan) झड़प में उनके चार सैनिक मारे गए थे। पूर्वी लद्दाख (East Ladakh) में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत और चीन (India and China) के बीच पिछले साल मई की शुरुआत से तनातनी जारी है। अब दोनों देशों के रिश्तों में जमी बर्फ धीरे-धीरे पिघल रही है।

अब जब पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन (India and China) की सेनाओं के पीछे हटने की प्रक्रिया का निर्णायक चरण चल रहा है और जल्द ही पूरा होने के करीब है तो चीन ने पहली बार माना है कि गलवान घाटी में हुए खूनी झड़प में उसके सैनिक भी मारे गए थे। चीन ने खूनी झड़प के दौरान मारे गए अपने पांच सैनिकों की जानकारी साझा की है। इस झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे।


चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (Communist Party of China) के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स के अनुसार, चीन के केंद्रीय सैन्य आयोग ने काराकोरम पर्वत पर तैनात रहे पांच चीनी सैनिकों के बलिदान को याद किया है। इनके नाम हैं- पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के शिनजियांग मिलिट्री कमांड के रेजीमेंटल कमांडर क्यूई फबाओ, चेन होंगुन, जियानगॉन्ग, जिओ सियुआन और वांग जुओरन। हालांकि चीन गलवां घाटी में मारे गए अपने सैनिकों का आंकड़ा बहुत कम बता रहा है।

पिछले दिनों भारतीय सेना की उत्तरी कमान के चीफ लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी ने बताया था कि गलवां घाटी की झड़प के बाद 50 चीनी सैनिकों को वाहनों के जरिए ले जाया गया था। झड़प में चीनी सेना के काफी सैनिक मारे गए थे। जनरल जोशी के अनुसार चीनी सैनिक 50 से ज्यादा जवानों को वाहनों में ले जा रहे थे। मगर वे घायल थे या उनकी मौत हो चुकी थी इसके बारे में कहना मुश्किल है।

उन्होंने कहा कि रूसी न्यूज एजेंसी टीएएसएस ने चीन के 45 जवानों के मारे जाने की बात कही है और हमारा अनुमान भी इसी के आसपास का है। बता दें कि पिछले साल जून में गलवां घाटी में चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। इसमें सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे। वहीं चीन के भी काफी सैनिक मारे गए थे लेकिन उसने इस लेकर कोई आधिकारिक आंकड़ा जारी नहीं किया है।


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