चीनी अनुभव ने विश्व पारिस्थितिकी संरक्षण में डाली है सकारात्मक ऊर्जा

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बीजिंग, 1 अक्टूबर (आईएएनएस)। 30 सितंबर को आयोजित संयुक्त राष्ट्र संघ के जैव विविधता शिखर सम्मेलन में चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने विश्व जैव विविधता के प्रशासन पर चार सुझाव पेश किये और तीन अनुभवों को साझा किया। शी चिनफिंग ने बहुपक्षवाद से विश्व पर्यावरण प्रशासन की शक्तियों को इकट्ठा करने का आह्वान किया, ताकि विश्व पारिस्थितिकी सभ्यता के निर्माण को आगे बढ़ाने में प्रेरणा शक्ति डाल सके।

शी चिनफिंग के चार सुझावों में बहुपक्षवाद पर कायम रहना सब से अहम है। पृथ्वी की रक्षा करने और अनवरत विकास को साकार करने के लिए कुछ देशों की कार्रवाईयों पर निर्भर नहीं होना चाहिए, जबकि बहुपक्षीय सहयोग पर कायम रहना चाहिए। लेकिन विकास स्तर, क्षमता और हित आदि कारणों से विश्व पारिस्थितिकी प्रशासन में विभिन्न देशों ने अलग अलग कदम उठाए हैं। एक ओर कुछ पश्चिमी देशों ने ग्रीन हाऊस गैसों की निकासी में अपने वचनों का पालन नहीं किया। दूसरी ओर, उन्होंने विकासशील देशों की यथार्थ मुसीबतों को नजरअंदाज कर बड़ी मांग पेश की। अमेरिका इसका एक उदाहरण है। अमेरिका की एकतरफावादी और प्रभुत्ववादी कार्रवाइयों ने विश्व हरित विकास की प्रक्रिया में गंभीर रूप से बाधा डाली है।


हालिया परिस्थिति में संयुक्त राष्ट्र संघ के केंद्र वाली अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था पर कायम रहकर अंतर्राष्ट्रीय नियमों की प्रतिष्ठा की रक्षा करना विश्व पर्यावरण प्रशासन स्तर की उन्नति के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। शी चिनफिंग ने मानव जाति के हरित विकास करने और पारिस्थितिकी सभ्यता को बढ़ाने का सुझाव पेश किया, जिसका बहुत व्यापक अर्थ है। महामारी के बाद आर्थिक पुनरुत्थान को सुनिश्चित करने के लिए देशों के बीच साझेदारी और संपर्क को निरंतर मजबूत करना चाहिए।

योजनानुसार, अगले साल चीन दक्षिण चीन के खुनमिंग में जैव विविधता संधि की 15वीं संस्थापक पक्षों की बैठक बुलाएगा, जिसमें व्यापक संतुलित और कार्यकारिणी एक्शन ढांचे की स्थापना की जा सकेगी।

(अनिल पांडेय — चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)


— आईएएनएस

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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