नागरिकता संशोधन कानून को लेकर बनी भ्रम की स्थिति साफ करने के लिए भारतीय जनता पार्टी व्यापक स्तर पर अभियान चलाने जा रही है। इस कानून के बारे में लोगों को समझाने के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अगले 10 दिन तक ये अभियान चलाएगी। इसके लिए बीजेपी घर-घर जाएगी और लोगों को नागरिकता संशोधन कानून के बारे में बताएगी।
बीजेपी की योजना करीब 3 करोड़ परिवारों को नागरिकता कानून के संबंध में जानकारी देने की है। पार्टी सूत्रों की मानें तो पार्टी के नेता नागरिकता संशोधन कानून के बारे में लोगों को स्पष्ट जानकारी देने के लिए 250 प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। साथ ही हर जिले में नागरिकता संशोधन कानून के पक्ष में रैली और कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
गौरतलब है कि यूपी बीजेपी स्वतंत्र देव ने इसके लिए मुस्लिम धर्मगुरुओं, सूफी संतों और प्रबुद्ध लोगों के साथ शनिवार को इस मसले पर बैठक की और एनआरसी (NRC)व सीएए (CAA) को लेकर उनके भ्रम को दूर किया। तथ्यों को सामने रखते हुए उन्होंने मौलानाओं से शांति बनाए रखने के लिए अपील करने की गुजारिश की। मुस्लिम धर्मगुरुओं ने भी आश्वासन दिया कि वे सही तथ्यों को लोगों के बीच रखेंगे।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्षी दलों पर नागरिकता कानून को लेकर झूठ फैलाने और प्रदर्शन के लिए लोगों को उकसाने का आरोप लगाया था। भाजपा ने राजस्थान में इस कानून के पक्षमें रैली की थी, जिसमें कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद भी शामिल हुए थे। इस दौरान कई नेताओं ने पार्टी के कार्यकर्ताओं से इस कानून के समर्थन में सड़क पर उतरने की अपील की थी।
विपक्ष का आरोप है कि सीएए के जरिए संविधान के आर्टिकल 14 का उल्लंघन होता है। वहीं सत्ता पक्ष का कहना है यह पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में रह रहे हिंदू, सिख, पारसी, बौद्ध, इसाई और जैन प्रताड़ना सह रहे हैं उन्हें संरक्षण देगा। बहरहाल, नागरिकों के बीच इस बात की भी चर्चा है कि इसके जरिए उनकी नागरिकता को खतरा है। यह भ्रम विशेषकर मुस्लिम समुदाय के बीच है।