जावेद अख्तर-नसीरुद्दीन समेत 727 नामचीन हस्तियों ने चिट्ठी लिखकर किया CAB का विरोध, बताया संविधान विरोधी

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लोकसभा से पास होने के बाद नागरिकता संशोधन विधेयक बुधवार को राज्यसभा में पेश होने वाला है। इस बिल के खिलाफ देशभर में विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं। दिल्ली से असम तक इस पर बवाल मचा है। आज कांग्रेस ने इस बिल के विरोध में देशव्यापी विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है तो वहीं पूर्वोत्तर में बिल के खिलाफ व्यापक प्रदर्शन हो रहा है। इस बीच देश की 727 नामचीन हस्तियों ने भी बिल के विरोध में सरकार को खुली चिट्ठी लिखी है। इन हस्तियों में पूर्व जज, वकील, लेखक, अभिनेता और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हैं। विरोध करने वालों में जावेद अख्तर, नसीरुद्दीन शाह, एडमिरल रामदास जैसे बड़े नाम भी शामिल हैं।

पत्र में बिल वापस लेने की मांग

इन हस्तियों ने सरकार से नागरिकता संशोधन बिल वापस लेने की मांग की है। पत्र में लिखा है, “ये बिल भारत की समावेशी और समग्र दृष्टि की धज्जियां उड़ा रहा है, जिससे भारत को स्वतंत्रता संग्राम में मार्गदर्शन मिला था। सांस्कृतिक और शैक्षणिक समुदायों से हम इस बिल को विभाजनकारी, भेदभावपूर्ण और असंवैधानिक मानते हैं और यह भारत के लोकतंत्र को मौलिक रूप से नुकसान पहुंचाएगा।”


‘यह बिल संविधान के साथ एक धोखा’

पत्र में यह भी लिखा गया है कि ये बिल संविधान के साथ एक धोखा है। इसलिए हम सरकार से इस बिल को तुरंत वापस लेने की मांग कर रहे हैं। आगे कहा गया है कि ये प्रस्तावित कानून भारतीय गणतंत्र के मूल चरित्र को आधारभूत रूप से बदल देगा और यह संविधान द्वारा मुहैया कराये गए संघीय ढांचे को खतरा पैदा करेगा।

मालूम हो कि इस पत्र को लिखने वाले लोगों में लेखक जावेद अख्तर, अभिनेता नसीरुद्दीन शाह और एडमिरल रामदास के अलावा इतिहासकार रोमिला थापर, अभिनेत्री नंदिता दास, अपर्णा सेन, सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव, तीस्ता सीतलवाड, अरुणा राय और दिल्ली हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश एपी शाह, देश के पहले सीआईसी वजाहत हबीबुल्ला आदि लोग शामिल हैं।

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गौरतलब है कि लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल पास कराने के बाद आज सरकार राज्यसभा में नागरिकता संशोधन बिल पेश करने वाली है। बिल पर चर्चा दोपहर दो बजे शुरू होगी। बहस के लिए 6 घंटे का वक्त तय किया गया है। 9 दिसंबर को ये बिल लोकसभा में लंबी चली बहस के बाद पास किया गया था. बिल के पक्ष में 311 और विरोध में 80 वोट पड़े थे।


आपको बता दें कि लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल पास कराने के बाद आज सरकार राज्यसभा में नागरिकता संशोधन बिल पेश करने वाली है, बिल पर चर्चा दोपहर दो बजे शुरू होगी, बहस के लिए 6 घंटे का वक्त तय किया गया है।

मोदी सरकार के सामने बड़ी चुनौती

आज राज्यसभा में इस बिल को पास कराना मोदी सरकार के सामने बड़ी चुनौती है। हालांकि इस बिल को पास कराने में पार्टी को खास दिक्कत नहीं होनी चाहिए क्योंकि इसे पास कराने के लिए पार्टी को 120 सांसदों का समर्थन चाहिए, जबकि एनडीए के पास तकरीबन 115 का आंकड़ा है।


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