नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) को नागरिकता संशोधन बिल (CAB) का समर्थन करने के लिए अपनों से ही खरी-खोटी सुननी पड़ रही है। बुधवार को राज्यसभा में पार्टी के सांसद आरसीपी सिंह ने एक बार फिर इस बिल के पक्ष में समर्थन करने का ऐलान किया। इसके थोड़ी देर बाद ही जेडीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने एक बार फिर से पार्टी के इस फैसले का मुखर विरोध किया। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘इस बिल का समर्थन करने से पहले जेडीयू नेतृत्व को उन लोगों के बारे में सोचना चाहिए था, जिन्होंने 2015 में पार्टी पर भरोसा और विश्वास जताया था।’
While supporting #CAB, the JDU leadership should spare a moment for all those who reposed their faith and trust in it in 2015.
We must not forget that but for the victory of 2015, the party and its managers wouldn’t have been left with much to cut any deal with anyone.
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) December 11, 2019
विरोध करने वाले नेताओं पर पार्टी ने दिए कार्रवाई के संकेत
इधर जेडीयू (JDU) ने नागरिकता संशोधन बिल (Citizenship Amendment Bill) पर विरोध करने वाले अपने नेताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के संकेत दिए हैं। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने बुधवार को इस बिल पर पार्टी की राय से हटकर बयान देने वाले नेताओं की बातों को उनका निजी बयान बताया। उन्होंने कहा कि ऐसे नेताओं के बयान को पार्टी ज्यादा तवज्जो नहीं देती। साथ ही ये चेतावनी भी दी कि इस तरह के बयान देने वाले नेताओं पर पार्टी (JDU) संज्ञान ले रही है। उन्होंने ये भी कहा कि पार्टी ऐसे नेताओं के खिलाफ बहुत जल्द कार्रवाई (Action) भी कर सकती है।
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गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन बिल पर केंद्र सरकार को जेडीयू के समर्थन के फैसले के खिलाफ प्रशांत किशोर, पवन वर्मा, एनके सिंह और ग़ुलाम गौस समेत कई नेताओं ने विरोध जताया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम रसूल बलियावी ने तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर ना सिर्फ आपत्ति जताई है बल्कि फैसले पर फिर से विचार करने का आग्रह किया है। वहीं, जेडीयू नेताओंके विरोध वाले बयान पर बीजेपी नेता और मंत्री प्रमोद कुमार ने तंज कसते हुए कहा कि सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए जेडीयू के कुछ नेता ऐसा कर रहे हैं।