राम मंदिर के जश्न को लेकर पश्चिम बंगाल में झड़प, बीजेपी कार्यकर्ताओं ने लॉकडाउन की उड़ाई धज्जियां

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Clash in West Bengal over the celebration of Ram temple

अयोध्या में राम मंदिर (Ram Mandir Ayodhya) की नींव रखे जाने की खुशी में बुधवार को पश्चिम बंगाल में पूर्ण लॉकडाउन(Lockdown In West Bengal) होने के बावजूद भी राम भक्तों ने जश्न मनाया। इसे लेकर लॉकडाउन का पालन कराने में जुटी पुलिस और उनके बीच राज्य में कई जगहों पर झड़पें हो गईं

न्यूज 18 में छपी खबर के मुताबिक, पूर्ण लॉकडाउन उल्लंघन की वजह से राज्य के अलग-अलग हिस्सों से कुल 3,400 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें से 850 लोग शहर से ही गिरफ्तार किए गए। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पश्चिमी मिदनापुर जिले के खड़गपुर, उत्तरी 24 परगना के नारायणपुर और उत्तरी बंगाल के अलीपुरद्वार समेत कुछ जगहों से झड़प की सूचना है।


उन्होंने बताया कि बीजेपी कार्यकर्ताओं ने खड़गपुर में जुलूस निकाला, जिसे पुलिस ने रोक दिया। इसके बाद जुलूस में शामिल लोगों के साथ पुलिस की झड़प हो गई। अधिकारी ने कहा, ‘मार्च को आगे बढ़ने से रोके जाने पर पुलिस और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई। बीजेपी के कई कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया गया।’

उन्होंने कहा कि घटना में कुछ पुलिसकर्मी घायल हो गए। अलीपुरद्वार कस्बे में बीजेपी कार्यकर्ताओं को पूर्ण लॉकडाउन की वजह से भूमि पूजन पर उत्सव आयोजित करने से रोका गया, जिससे तनाव बढ़ गया।वहीं पार्टी के कार्यकर्ता ने नारायणपुर इलाके में ‘यज्ञ’ आयोजित करने का प्रयास किया, लेकिन कुछ स्थानीय लोगों ने उन्हें रोक दिया।

पुलिस ने कहा कि उसने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए ‘बल’ का भी प्रयोग किया। तृणमूल कांग्रेस के स्थानीय नेता तापस चटर्जी ने कहा, ‘बीजेपी शहर के कई इलाके में शांति भंग करने की कोशिश कर रही थी, लेकिन स्थानीय लोगों ने उन्हें रोक दिया।’ बीजेपी की राज्य इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने अपने न्यू टाउन आवास पर भूमि पूजन उत्सव का आयोजन किया था।


उन्होंने कहा कि पुलिस की बर्बरता राज्य सरकार की ‘हिंदू-विरोधी मानसिकता’ को दर्शाती है। घोष ने कहा, ‘हम बीते कई दिन से पूर्ण लॉकडाउन की तारीख बदलने का अनुरोध कर रहे थे, लेकिन हमारे अनुरोध के बाद भी ऐसा नहीं किया गया। जब भगवान राम के भक्त उत्सव मना रहे थे तो पुलिस ने उन्हें रोक दिया।

तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तथा सांसद सौगत रॉय ने पटलवार करते हुए इन आरोपों को आधारहीन बताया। उन्होंने कहा, ‘उत्सव में किसी भी तरह का कोई अवरोध उत्पन्न नहीं किया गया, लेकिन कोविड-19 के खतरे को देखते हुए राज्य में लॉकडाउन लागू है और हम सभी को इसका सम्मान और पालन करना चाहिये।’

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