सोनभद्र नरसंहार पर चुप्पी तोड़ते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस पूरे विवाद के लिए कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासन काल के दौरान वनवासियों की जमीन को एक सोसायटी के नाम कर दिया गया।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘सोनभद्र की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। 1955 से 1989 तक यह जमीन आदर्श सोसायटी के नाम पर थी। 1989 में यह जमीन एक व्यक्ति के नाम पर चढ़ा दी गई। आदर्श सोसायटी के नाम जमीन रहने पर भी यहां आदिवासी खेती करते थे और कुछ लगान सोसायटी को देते थे। जिन लोगों ने इस जमीन को अपने नाम किया था, वे इस जमीन पर कब्जा नहीं कर पाए।’
कांग्रेस के शासनकाल में हड़पी गई जमीन
उन्होंने कहा, ‘1989 में इसे दूसरे को बेच दिया। वनवासी इस जमीन पर खेती करते रहे। इस पूरे प्रकरण की तह में जाएं तो 1955 में कांग्रेस की सरकार के दौरान स्थानीय लोगों की जमीन को हड़पने के लिए ग्राम समाज की जमीन को आदर्श सोसायटी के नाम पर दिया गया। इस जमीन को बाद में 1989 में बिहार के एक IAS के नाम पर कर दिया जो गलत था। उस समय भी कांग्रेस की सरकार थी।’
सोनभद्र : नरसंहार मामले में नया खुलासा, IAS अफसर की थी जमीन जिसके चलते 10 लोगों ने गवाईं जान
3 सदस्यीय कमेटी कर रही है जांच
मुख्यमंत्री ने बताया कि बिहार के अधिकारी ने कब्जा नहीं कर पाने पर इस जमीन को वर्ष 2017 ग्राम प्रधान को बेच दिया। इस मामले में कई मुकदमे चलते रहे। उन्होंने कहा कि इस पूरे प्रकरण में 1955, 1989 और 2017 में हुई हरेक घटना की जांच जरूरी है। यह गंभीर प्रकरण है और 3 सदस्यीय कमिटी बनाई गई है। पूरे मामले की जांच चल रही है और कमिटी 10 दिन के अंदर अपनी रिपोर्ट देगी।
गौरतलब है कि बुधवार को उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में भूमि विवाद को लेकर हुई हिंसा में 10 लोगों की हत्या हो गई थी, जबकि 24 से भी अधिक लोग घायल हो गए थे। रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना तब हुई जब एक जमीन के टुकड़े को लेकर गुजर और गोंड समुदाय के बीच विवाद हुआ।
पुलिस ने इस सामूहिक हत्याकांड के मामले में 24 लोगों को गिरफ्तार किया है और बाकी आरोपियों को पकड़ने के लिए छापेमारी की जा रही है। इस मामले में 78 लोगों पर मामला दर्ज किया गया है, जिसमें 50 अज्ञात हैं।