मोदी की आंधी में उड़ गए कांग्रेस के 9 पूर्व मुख्यमंत्री, मिली करारी शिकस्त

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23 मई को लोकसभा चुनाव के नतीजे आ गए साथ ही ये भी स्पष्ट हो गया कि देश भर में मोदी लहर अभी भी कायम है। भारतीय जनता पार्टी ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लोकसभा चुनाव के नतीजों में प्रचंड बहुमत प्राप्त की है। वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की सभी कोशिशें नाकाम साबित हुई हैं। इन सब के बीच कांग्रेस के लिए ये भी बुरी खबर आई कि इस बार के नतीजों में कांग्रेस की हालत ऐसी है कि 9 पूर्व मुख्यमंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा है।

आइए जानते हैं वो कौन से मुख्यमंत्री हैं जो इस बार के चुनाव में जनता का दिल नहीं जीत पाए…


दिग्विजय सिंह

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के कदावर नेता दिग्विजय सिंह को सिंह को 35 फीसदी वोट मिले जबकि मालेगांव बम विस्फोट की आरोपी और भाजपा की उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा सिंह को 61 फीसदी। इस जंग में प्रज्ञा ने सिंह को 3,64,822 मतों के भारी अंतर से पराजित कर जीत दर्ज की है।

निर्वाचन आयोग की आधिकारिक घोषणा के अनुसार भाजपा उम्मीदवार प्रज्ञा सिंह ठाकुर को कुल 8,66,482 वोट मिले जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस के दिग्विजय सिंह को 5,01,660 मत मिले। भोपाल लोकसभा सीट पर नोटा सहित कुल 31 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे और 5,430 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाना पसंद किया।

शीला दीक्षित

दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित इस बार उत्तर पूर्व दिल्ली से भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी के खिलाफ मैदान में उतरी थीं। उन्हें करीब 3 लाख 66 हजार वोटों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा। दिल्ली में कांग्रेस (22.5 प्रतिशत) और आप (18.1 प्रतिशत) के सम्मिलित वोट की तुलना में भाजपा ने 56 प्रतिशत से ज्यादा मत हासिल किए। भाजपा ने 2014 में 46.4 प्रतिशत वोट हासिल किए थे।


भूपेंद्र सिंह हुड्डा

भाजपा ने इस बार हरियाणा में कांग्रेस का सूपड़ा लगभग साफ कर दिया है। बीजेपी ने राज्य में 10 सीटों में 10 सीटें जीत ली हैं। मोदी लहर में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी अपनी सीट नहीं बचा पाए। सोनीपत में उन्हें भाजपा के निवर्तमान सांसद रमेश चंद्र कौशिक ने 1,64,864 मतों के अंतर से हारा दिया। 2014 में भाजपा ने 8 सीटों पर चुनाव लड़ा था और उसमें से 7 पर जीत हासिल की थी। आईएनएलडी ने 2 सीटें और कांग्रेस 1 सीट पर विजयी रही थी।

हरीश रावत

भाजपा ने उत्तराखंड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता के रथ पर सवार होकर पांचों सीटों पर इस बार और अधिक मतों के अंतर से अपने चिर प्रतिद्वंदी कांग्रेस को मात दे दी। सभी सीटों पर कब्जा बरकरार रखने के साथ ही भाजपा ऐसा करने वाली प्रदेश की एकमात्र राजनीतिक पार्टी बन गई है। प्रदेश के इतिहास में आज तक कोई भी राजनीतिक पार्टी लगातार दो आम चुनावों में जीत नहीं दोहरा पाई है। उधमसिंह नगर-नैनीताल में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भटट अपने निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस महासचिव और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को 3,39,096 मतों से हराया। भटट को 772195 मत मिले जबकि रावत को 433099 मतों से संतोष करना पड़ा।

अशोक चौहाण

महाराष्ट्र के नांदेड लोकसभा सीट से पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस प्रमुख अशोक चव्हाण को भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार प्रताप चिकलीकर ने 40,148 मतों के अंतर से हरा दिया है। सत्ताधारी गठबंधन ने 2014 के चुनाव में 42 सीटें जीती थीं। कांग्रेस ने 2014 के आम चुनाव में 2 सीटें जीती थीं।

सुशील कुमार शिंदे

महाराष्ट्र की सोलापुर सीट पर कांग्रेस के एक नेता और पूर्व मुख्यमंत्री को हार का सामना करना पड़ा. इस सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने भाजपा नेता जयसिद्धेश्वर स्वामी के खिलाफ ताल ठोका था लेकिन उन्हें 1,58,608 मतों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा।

मुकुल संगमा

मेघालय की तुरा सीट से नेशनल पीपल्स पार्टी की अगाथा संगमा ने कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री  मुकुल संगमा को  64030 वोटों के अंतर से हरा दिया है। इस सीट से कुल 3 उम्मीदवार मैदान में थे। कॉनरॉड के. संगमा के मुख्यमंत्री बनने के बाद नेशनल पीपुल्स पार्टी की ओर से अगाथा के संगमा मैदान में थे, जबकि कांग्रेस की ओर से डॉक्टर मुकुल संगमा और भारतीय जनता पार्टी की ओर से रिकमैन गैरी मोमीन अपनी किस्मत आजमा रहे थे।

नाबाम तुकी

अरुणाचल पश्चिम सीट से केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा उम्मीदवार किरण रिजीजू ने कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री नाबाम तुकी को 41,378 वोटों से हरा दिया है। साल 2014 में रिजीजू ने कांग्रेस के टी संजय को 41738 वोटों से शिकस्त दी थी।

वीरप्पा मोइली

कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एम वीरप्पा मोइली को भाजपा उम्मीदवार बी एन बाचे गौड़ा ने चिकबल्लापुर सीट पर 1,82,110 मतों के अंतर से हरा दिया है। गौड़ा को 7,45,912 जबकि मोइली को 5,63,802 वोट मिले। पूर्व केंद्रीय मंत्री मोइली राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस-जद(से) गठबंधन के संयुक्त उम्मीदवार थे। उल्लेखनीय है कि गौड़ा 2014 के लोकसभा चुनाव में मोइली से करीब 9,500 मतों के अंतर से हारे थे। मोइली 1992 से 1994 तक कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहे थे।

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