मध्य प्रदेश के मुरैना जिले की जौरा विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक बनवारी लाल शर्मा (Congress MLA Banwari Lal Sharma) का निधन हो गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार बनवारी लाल (65) लंबे समय से कैंसर से पीड़ित थे और उन्हें उपचार के लिए भोपाल के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। शुक्रवार रात उनकी तबीयत अचानक बिगड़ने लगी और शनिवार को उनका निधन हो गया।
बनवारी लाल शर्मा ज्योतिरादित्य सिंधिया के काफी करीबी माने जाते थे। उनके निधन की सूचना मिलते ही कांग्रेस नेताओं का अस्पताल पहुंचना शुरू हो गया। प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा, “जौरा के विधायक, हमारे परिवार के सदस्य बनवारी लाल शर्मा के दुःखद निधन का समाचार मिला। वे पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे, उनका निधन मेरे लिये एक व्यक्तिगत क्षति है। परिवार के प्रति मेरी शोक संवेदनाएं हैं, ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दे और परिजनो को यह दुःख सहने की शक्ति प्रदान करे।”
जौरा के विधायक,हमारे परिवार के सदस्य बनवारी लाल शर्मा के दुःखद निधन का समाचार मिला
वे पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे
उनका निधन मेरे लिये एक व्यक्तिगत क्षति है
परिवार के प्रति मेरी शोक संवेदनाएँ
ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणो में स्थान,पीछे परिजनो को यह दुःख सहने की शक्ति प्रदान करे— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) December 21, 2019
वहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, “जौरा-मुरैना से कांग्रेस विधायक श्री बनवारी लाल शर्मा जी के दुःखद निधन पर मेरी गहरी संवेदनाए। ईश्वर से प्रार्थना है कि वे दिवंगत आत्मा को शान्ति प्रदान करें एवं शोक संतप्त परिजनों को यह आघात सहने की शक्ति दे।”
जौरा-मुरैना से कांग्रेस विधायक श्री बनवारी लाल शर्मा जी के दुःखद निधन पर मेरी गहरी संवेदनाए। ईश्वर से प्रार्थना है कि वे दिवंगत आत्मा को शान्ति प्रदान करें एवं शोक संतप्त परिजनों को यह आघात सहने की शक्ति दे।
— Jyotiraditya M. Scindia (@JM_Scindia) December 21, 2019
बता दें कि बनवारी लाल शर्मा पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी को हराकर विधायक बने थे। जौरा से विधायक बनवारी लाल शर्मा के निधन के बाद कांग्रेस एक बार फिर 114 सीटों पर आ गई है। झाबुआ उपचुनाव में जीत के बाद कांग्रेस के पास सदन में 115 विधायकों और एक निर्दलीय विधायक के मंत्री होने से 116 की मजबूत स्थिति आ गई थी।
हालांकि, कांग्रेस के लिए अभी कोई खतरा नहीं है, क्योंकि सदन में अब 229 विधायक बचे हैं। इसमें से कांग्रेस के पास सबसे ज्यादा 114 विधायक हैं। इसके अलावा कांग्रेस को 4 निर्दलीय, 2 बसपा और 1 सपा के विधायकों का समर्थन हासिल है। वहीं, बीजेपी के पास फिलहाल सदन में 108 विधायकों का संख्या बल है।