केरल: कोरोनावायरस के इलाज का फर्जी दावा करने वाला नेचुरोपैथ गिरफ्तार, पहले भी जा चुका है जेल

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देश और दुनिया में कोरोना वायरस के चलते हाहाकार मचा हुआ है। इसके इलाज और टीके को लेकर दुनियाभर में शोध और प्रयोग चल रहे हैं। लेकिन, इस बीच कुछ लोग इसका नीम हकीम इलाज करने का झूठा दावा भी कर रहे हैं। केरल पुलिस ने बुधवार को विवादित नेचुरोपैथी डॉक्टर मोहनन वैद्यार को गिरफ्तार कर लिया। वह दावा कर रहा था कि COVID-19 महामारी का इलाज कर मरीजों को ठीक कर सकता है। त्रिस्सूर के जिला चिकित्सा अधिकारी (डीएमओ) ने पट्टीकदक में इस डॉक्टर के आयुर्वेदिक केंद्र पर छापा मारा, जहां वह कथित तौर पर कोरोनोवायरस के इलाज में मदद करने गया था।

मौजूदा समय में केरल के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में COVID-19 के लिए चौबीस लोगों का इलाज चल रहा है और सरकार ने निर्देश जारी किए हैं कि COVID-19 पर फर्जी समाचार और झूठे दावे फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी। हालांकि, ऐसे समय में जब सरकार राज्य में इस बीमारी को फैलने से रोकने की कोशिश कर रही है, मोहनन वैद्यार ने जनता को झूठे दावे कर गुमराह कर रहा था। मोहनन ने अपने फेसबुक पोस्ट में दावा किया कि वह COVID-19 सहित सभी प्रकार की वायरल बीमारियों का इलाज कर सकते है। उसकी गिरफ्तारी के बाद यह पोस्ट फेसबुक से हटा दिया गया।


पहले भी कर चुका है फर्जी दावे, भेजा गया है जेल

गौरतलब है कि मोहनन वैद्यार पहले भी ऐसे फर्जी दावे कर चुका है। 2018 में निपाह वायरस के प्रकोप के दौरान, सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में उसने कहा था कि चमगादड़ द्वारा काटे गए फल खाने में कोई समस्या नहीं है। चमगादड़ों से फैलने वाले निपाह वायरस ने राज्य में 17 लोगों की जान ले ली थी। तब उसने फल खाते हुए अपना एक वीडियो सोशल मीडिया पर डाला था, जिसमें उसने दावा किया था कि इन फलों को पहले चमगादड़ खा चुके हैं। बाद में केरल सरकार के निर्देश के बाद इस वीडियो को हटा दिया गया।

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इसके अलावा पिछले साल सितंबर महीने में एक डेढ़ साल के बच्चे की मौत के बाद पुलिस ने मोहनन के खिलाफ मामला दर्ज किया था। मृत बच्चे का इलाज मोहनन ही कर रहा था। घटना के बाद अलप्पुझा में उसके उपचार केंद्र को भी बंद कर दिया गया था। इसके अगले महीने यानि अक्टूबर 2019 में, एक नाबालिग रोगी का गलत उपचार करने के लिए उसे गिरफ्तार किया गया था।


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