देश में कोरोना वायरस वायरस का संक्रमण बड़ी ही तेजी से फैलता जा रहा है। देश में कई बड़े राजनेता भी कोरोना वायरस की चपेट में आ चुके हैं। इस बीच बिहार में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के राज्य सचिव सत्यनारायण सिंह का कोरोना वायरस के कारण निधन हो गया है।
एक हफ्ते पहले ही उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इसके बाद इलाज के लिए उन्हें पटना एम्स में भर्ती करवाया गया था। कोरोना की वजह से तीन दिन पहले उन्हें प्लाज्मा भी डोनेट किया गया था। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के जिला मंत्री प्रभाकर सिंह ने सत्यनारायण सिंह के निधन की सूचना दी।
भाकपा के दिवंगत नेता सत्यनारायण सिंह ने बिहार चुनाव में वामदलों की एकजुटता के लिए कई ठोस प्रयास भी किया। चौथम (अब बेलदौर) विधानसभा से दो बार विधायक रह चुके हैं। वर्ष 90 और 95 में उन्होंने यहां का प्रतिनिधित्व किया। भाकपा में वे वर्ष 1968 में शामिल हुए। इसके पहले वे मुंगेर में लेक्चरर थे।
इसके साथ ही पार्टी में उन्होंने पूर्णकालिक कार्यकर्ता के रूप में काम शुरू किया। वर्ष 1977 से 90 तक वे खगड़िया जिला भाकपा के मंत्री रहे। इसके पहले हुए अपने पंचायत कैथी के 22 साल तक मुखिया भी रहे। चौथम प्रखंड के प्रमुख भी रहे। ट्रेड यूनियन नेता रामबालक सिंह और भाकपा नेता चंद्रशेखर के सान्निध्य में उन्होंने राजनीति शुरू की ।
कई किसान और मजदूर आंदोलनों में उन्होंने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। भाकपा माले के राज्य सचिव कुणाल और माकपा के राज्य सचिव अवधेश कुमार ने भी उनके निधन पर गहरा शोक प्रकट किया है और इसे वाम आंदोलन की गहरा आघात बताया है। उनके निधन पर वाम नेताओं ने दुख व्यक्त किया है और कहा है कि उनके निधन से सभी को गहरा सदमा लगा है।
माकपा राज्य सचिव अवधेश कुमार ने कहा सत्यनारायण सिंह के निधन से वाम आंदोलन को भारी नुकसान हुआ है। उनका पूरा जीवन किसान , मजदूर आंदोलन के लिए समर्पित रहा। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) बिहार राज्य कमेटी उनके निधन से काफी मर्माहत है। पार्टी उनके प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करती है और उनके परिवार के प्रति शोक संवेदना व्यक्त करती है।