डब्ल्यूएचओ ने क्लिनिकल ट्रायल से इतर हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के इस्तेमाल को लेकर चेताया

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जिनेवा । विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मलेरिया और अन्य बीमारियों के उपचार में इस्तेमाल किए जाने वाली दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन या क्लोरोक्विन को कोविड-19 संक्रमण के इलाज में प्रयोग में लाने को लेकर चेताया है।

उन्होंने कहा, “इन दवाओं को क्लिनिकल ट्रायल (नैदानिक परीक्षणों) में उपयोग के लिए रिजर्व किए जाने की आवश्यकता है।”

कई देशों में कोरोनावायरस महामारी से संक्रमित हुए मरीजों के उपचार में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन या क्लोरोक्विन के इस्तेमाल को लेकर पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में डब्ल्यूएचओ हेल्थ इमरजेंसी प्रोग्राम के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर डॉ. माइकल रयान ने कहा, “दोनों दवाओं को पहले से ही कई बीमारियों के लिए लाइसेंस प्राप्त है।”


समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने बुधवार को हुई इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनके दिए बयान के हवाले से आगे कहा, “हालांकि, अभी तक कोविड-19 संक्रमण के उपचार में इसके कारगर होने पर संशय है और इस बात का पता लगाया जाना बाकी है।”

माइकल ने जोर देकर कहा, “वास्तव में कोविड-19 संक्रमण के उपचार में दवा के संभावित दुष्प्रभावों के बारे में कई अधिकारियों द्वारा इसके विपरीत चेतावनी जारी की गई है और कई देशों ने इसके उपयोग को ‘क्लिनिकल ट्रायल’ तक ही सीमित कर दिया है।”

उन्होंने कहा, “अधिकारियों ने चेताया है कि इसके प्रयोग के कई संभावित साइड इफेक्ट्स हुए हैं और आगे कई और भी हो सकते हैं।”


–आईएएनएस

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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