पुण्यतिथि विशेष : भारत के पहले PM पंडित नेहरू, जिनकी वसीयत में लिखी थी ये खास बात

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जवाहर लाल नेहरू की 55वीं पुण्यतिथि पर PM मोदी ने दी श्रद्धांजलि, कहा- हम देश के लिए उनके योगदान को याद करते हैं

देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने 27 मई 1964 में इस दुनिया को अलविदा कह दिया था। आज उनकी 55वीं पुण्यतिथि है। पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर 1889 को इलाहाबाद में हुआ था। वे स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री थे। बच्चों के प्यारे ‘चाचा नेहरू’ के रूप में पंडित जवाहरलाल नेहरू देश को प्रगति के पथ पर ले जाने वाले खास पथप्रदर्शक थे।

जानते हैं नेहरू से जुड़ी ये खास बातें…


जवाहरलाल नेहरू का जन्म एक इज्जतदार और रुतबा रखने वाले परिवार में हुआ था। नेहरू के पिता मोतीलाल नेहरू एक रुतबेदार वकील थे। वे इंडियन नेशनल कांग्रेस के लीडर भी रहे। पंडित जवाहरलाल नेहरू की माता का नाम स्वरूप रानी था। वे एक कश्मीरी ब्राह्मण थी और मो‍तीलाल नेहरू से उनका विवाह 1886 में हुआ।

पंडित जवाहरलाल नेहरू का शुरुआती जीवन इलाहाबाद (उत्तर प्रदेश) में ही गुजरा। जवाहरलाल नेहरू बचपन से ही पढ़ने-लिखने में होशियार थे। वे बचपन से ही प्रतिभाशाली थे। 15 वर्ष की उम्र में नेहरू एक अग्रणी अंग्रेजी विद्यालय इंग्लैंड के हैरो स्कूल में भेजे गए।

जवाहरलाल नेहरू को दुनिया के बेहतरीन स्कूलों और विश्वविद्यालयों में शिक्षा प्राप्त करने का मौका मिला था। अपनी स्कूली शिक्षा हैरो से प्राप्त करने के बाद वे केंब्रिज के ट्रिनिटी कॉलेज गए, जहां उन्होंने तीन वर्ष तक अध्ययन करके प्रकृति विज्ञान में स्नातक उपाधि प्राप्त की। लंदन के इनर टेंपल में दो वर्ष बिताकर उन्होंने वकालत की पढ़ाई की।


भारत लौटने के चार वर्ष बाद 1916 में नेहरू का विवाह कमला कौल के साथ हुआ। कमला दिल्ली में बसे कश्मीरी परिवार से थीं। 1919 और 1920 में मोतीलाल नेहरू कांग्रेस के अध्यक्ष बने। 1919 में पंडित जवाहरलाल नेहरू महात्मा गांधी के साथ आ गए। वे गांधी जी साथ कई जगहों पर गए।

पंडित जवाहरलाल नेहरू 9 बार जेल में गए थे। नेहरू को 11 बार नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया गया गया। पंडित नेहरू शुरू से ही गांधीजी से प्रभावित रहे और 1912 में कांग्रेस से जुड़े। 1920 के प्रतापगढ़ के पहले किसान मोर्चे को संगठित करने का श्रेय उन्हीं को जाता है।

उनके पहनावे का हर कोई दीवाना था। ऊंची कॉलर वाली जैकेट की उनकी पसंद ने नेहरू जैकेट को फैशन आइकन बना दिया।

साल 1947 में भारत को आजादी मिलने पर वे स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री बने। संसदीय सरकार की स्थापना और विदेशी मामलों में गुटनिरपेक्ष नीतियों की शुरुआत जवाहरलाल नेहरू की ओर से हुई थी।

प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्होंने नवीन भारत के सपने को साकार करने की कोशिश की। उन्होंने 1950 में कई नियम बनाए, आर्थिक, राजनीतिक, सामाजिक विकास शुरू किया। 27 मई 1964 की सुबह नेहरू की तबीयत खराब हो गई और और दो बजे उनका निधन हो गया।

उन्होंने जेल में रहते हुए 146 पत्र बेटी इंदिरा को लिखे। जो उनकी किताब Glimpses of World History का हिस्सा हैं। श्याम बेनेगल की टेलीविजन सीरीज ‘भारत एक खोज’ उनकी किताब ‘द डिस्कवरी ऑफ इंडिया’ पर आधारित थी।

1919 के जलियांवाला बाग हत्याकांड के बाद पंडित नेहरू ने भारत की आजादी की लड़ाई में भारतीय राजनीति को दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उस समय मौलाना मोहम्मद अली जौहर के कहने पर वह जलियांवाला कांड के कारणों की जांच के लिए बनायी गई समिति के सदस्य बने थे।

जवाहर लाल नेहरू को आधुनिक भारत का निर्माता कहना कोई अतिशयोक्ति नहीं है। दूसरे विश्वयुद्ध के बाद खस्ताहाल और विभाजित भारत का नवनिर्माण करना कोई आसान काम नहीं था, लेकिन पंचवर्षीय योजना उनकी दुरदृष्टि का ही परिणाम था, जिसके नतीजे दशकों बाद मिल रहे हैं। स्वस्थ लोकतंत्र की नींव रखने और इसे मजबूत बनाने में पंडित नेहरू का महत्वपूर्ण योगदान था।

पंडित नेहरू ने अपनी वसीयत में लिखा था- मैं चाहता हूं कि मेरी मुट्ठीभर राख प्रयाग के संगम में बहा दी जाए जो हिन्दुस्तान के दामन को चूमते हुए समंदर में जा मिले, लेकिन मेरी राख का ज्यादा हिस्सा हवाई जहाज से ऊपर ले जाकर खेतों में बिखरा दिया जाए, वो खेत जहां हजारों मेहनतकश इंसान काम में लगे हैं, ताकि मेरे वजूद का हर जर्रा वतन की खाक में मिलकर एक हो जाए…

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